बीजेपी नेता राजीव बनर्जी बोले- बेहतर होता अगर BJP भी इस चुनाव से दूर रहती, उन्हें ममता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करना चाहिए था
भारतीय जनता पार्टी को शर्मसार करते हुए भाजपा नेता राजीव बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारी अंतर से जीतेंगी और बेहतर होता कि पार्टी ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार ही नहीं उतारा होता. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने कहा, "लोगों ने उन्हें जनादेश दिया और वह 213 सीटों के साथ सत्ता में वापस आ गईं.
भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) को शर्मसार करते हुए भाजपा नेता राजीव बनर्जी (BJP Leader Rajeev Banerjee) ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) भारी अंतर से जीतेंगी और बेहतर होता कि पार्टी ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार ही नहीं उतारा होता. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने कहा, "लोगों ने उन्हें जनादेश दिया और वह 213 सीटों के साथ सत्ता में वापस आ गईं. यह भी पढ़े: Bhawanipur By-Election 2021: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मोदी-शाह को ललकार, भवानीपुर सीट से बीजेपी खिलाफ भरी हुंकार!
उन्होंने कहा, वह भवानीपुर से चुनाव लड़ रही हैं और कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करने का फैसला किया है. हम लोगों के फैसले को नजरअंदाज नहीं कर सकते और लोग उन्हें चाहते हैं. वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं. वह भवानीपुर में भारी अंतर से जीतने जा रही हैं. सही तो यह होता, अगर भाजपा भी इस चुनाव से दूर रहती. उन्हें ममता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करना चाहिए था."
विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से हारने वाले राजीव बनर्जी ने मुख्यमंत्री के प्रति शुभेंदु अधिकारी के दृष्टिकोण की भी आलोचना की. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए ने कहा, "लोगों ने उन्हें 213 सीटों के साथ सत्ता में वापस लाया और इसलिए उस व्यक्ति के बारे में गलत बोलना ठीक नहीं है. 'फूफू', 'कहलू', 'बेगम' जैसी टिप्पणियां कर शुभेंदु ने हमारे प्रति लोगों के मन में गलत धारणा बनाई. किसी को सीएम कद की नेता के बारे में बोलते समय सावधान रहना चाहिए."
धार्मिक विभाजन जैसे मुद्दे पर बोलते हुए राजीव बनर्जी ने कहा, "मैंने पार्टी को धार्मिक लाइनों का पालन न करने को लेकर समय-समय पर चेताया था, क्योंकि मुझे पता था कि धार्मिक विभाजनकारी राजनीति पश्चिम बंगाल में काम नहीं करेगी, लेकिन पार्टी ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया है. पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है."
राजीव बनर्जी पहले पश्चिम बंगाल कैबिनेट के सदस्य थे. लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और डोमजूर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, जहां से वह पहले विधायक थे, लेकिन पार्टी बदलने के बाद हार गए. अपनी हार के बाद वह बागी बन गए हैं. उन्होंने पार्टी विरोधी बयान देना और पार्टी की बैठकों से बचना शुरू कर दिया है.
राजीव बनर्जी पर तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और कई तृणमूल नेताओं से मुलाकात करने का आरोप लगाया गया था और इसके लिए उन्हें कारण बताना पड़ा था.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, राजीव बनर्जी को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए दो बार कारण बताओ नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.