विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के बाद 3 और विधायको ने छोड़ी भाजपा
यूपी में 10 फरवरी से होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद तीन और विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.
लखनऊ, 12 जनवरी : यूपी में 10 फरवरी से होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद तीन और विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. मौर्य के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में तीन विधायकों ने भी भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र दे दिया. सभी ने मौर्या का साथ देने का वादा किया है. स्वामी प्रसाद के साथ कानपुर में बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक भगवती सागर, बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति और शाहजहांपुर के तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा ने पार्टी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है. इन सभी का समाजवादी पार्टी में जाना तय है. बाद में रोशन लाल वर्मा ने तो सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ वाली फोटो ट्वीट की.
मौर्य समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होंगे. मंगलवार को त्यागपत्र देने के बाद मौर्य के साथ सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी तस्वीर ट्विटर पर साझा की और सपा में उनका स्वागत किया. मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आगे की धार और वार देखते रहिए. अभी 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे. उन्होंने कहा, "मैं एक-दो दिन में पूरी स्थिति साफ कर दूंगा कि मुझे क्या करना है. मेरे इस्तीफे का असर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद आपको नजर आएगा. 10 मार्च को जो भी होगा, आपके सामने होगा." उन्होंने दावा किया कि अगले एक-दो दिन में भाजपा के और कई विधायक पार्टी का हाथ छोड़ेंगे.
बिल्हौर सीट से विधायक रहे भगवती प्रसाद सागर का कहना है कि भाजपा में रह कर समाज का हित नहीं कर पा रहे थे. इसलिए मजबूर होकर पार्टी को छोड़ा है. फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के लखनऊ स्थित आवास पर हैं. वे लोग व्यवस्था परिवर्तन के आंदोलन से जुड़े हुए हैं. इसमें जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा था. यह भी पढ़ें : UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले BJP में भगदड़! 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद एक और MLA लापता
इस हिसाब से 2017 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन जो हिस्सेदारी हमे मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही थी. जब लगा कि भाजपा में रहकर समाज का हित नहीं कर सकते तो मजबूरी में पार्टी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि नई पार्टी नहीं बनाएंगे. कितने लोग इस्तीफा दे रहे हैं, यह सूची जल्दी ही सबके सामने आ जाएगी और किस पार्टी में शामिल होंगे, यह भी जल्दी ही पता चल जाएगा. रोशन लाल वर्मा ने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों और वंचितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपना त्यागपत्र दिया है. रोशन लाल वर्मा ने कहा, "मैंने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रहूंगा."