देहरादून: उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर जहां भाजपा ने गंभीरता दिखाते हुए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, वहीं कांग्रेस इस सीट को लेकर पसोपेश में है. वह अभी तक अपना प्रत्याशी नहीं खोज पाई है. पिथौरागढ़ विधानसभा सीट कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के कारण रिक्त हुई है. भाजपा के लोग पहले से ही कह रहे थे कि इस सीट पर पंत के परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा. पार्टी ने उनकी पत्नी चंद्रा पंत को यहां से मैदान में उतारा है. इसे लेकर कांग्रेस का गणित गड़बड़ा रहा है.
कांग्रेस पूर्व विधायक मयूख महर को उपचुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई है, क्योंकि कांग्रेस का थराली सीट पर हुए उपचुनाव का अनुभव ठीक नहीं रहा है. कांग्रेस जिस तरह प्रदेश में कई धड़े में बंटी है, उससे भी उनके हालात ठीक नहीं लग रहे हैं. सांगठनिक लिहाज से भाजपा अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मुकाबले काफी आगे है. यह उपचुनाव पूरी तरह सहानुभूति लहर के साए में होगा. यही वजह है कि कांग्रेस को इस उपचुनाव के लिए प्रत्याशी ढूंढे नहीं मिल रहा है.
नमांकन के लिए अब महज एक दिन बचा है, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी कोई प्रत्याशी मैदान पर नहीं उतारा गया है. हालांकि पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व विधायक मयूख के मना करने के बाद से पार्टी ने अन्य और युवा चेहरे को मैदान में उतारने की सोची है. इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने दिनभर मैराथन बैठक भी की है. सूत्र ने कहा कि इससे पहले मयूख को मनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन वह अभी तक तैयार नहीं हुए हैं. हालांकि इस सीट के लिए कई लोगों ने दावेदारी कर रखी है.
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कांग्रेस की ओर से महेंद्र माहरा भी पूरी तरह से सहमत नहीं हो पा रहे हैं. मयूख महर की असहमति के बाद से कांग्रेस को खासी मशक्कत उठानी पड़ रही है. कांग्रेस कोई ऐसा प्रत्याशी लाना चाहती है, ताकि वह भाजपा को पटकनी तो दे ही, साथ ही उसे नई ऊर्जा भी मिल सके. उधर, भाजपा का पूरा फोकस पिथौरागढ़ सीट पर है.