चंडीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर अब तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) को विरोधी पार्टियों का विरोध झेलना पड़ रहा था. लेकिन पंजाब में उसकी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) भी इस कानून के विरोध में उतर आई है. पार्टी की तरफ से मांग की गई है कि इस कानून में मुस्लिम लोगों को भी शामिल किया जाए. पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल (Sukhbir Singh Badal) ने भारत के लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का हवाला देते हुए संशोधित कानून में मुस्लिम को शामिल किये जाने की मांग अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी से की है.
सुखबीर सिंह बादल ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश होने का हवाला देते हुए कहा कि इस देश में सभी धर्म के लोग एक समान हैं. इसलिए धर्म के आधार पर किसी को बाहर नहीं किया जाना चाहिए. बादल ने अपने धर्म गुरुओं का हवाला देते हुए कहा कि हमारे सिख गुरुओं ने अपने जीवन की कुर्बानी दूसरी आस्था के मानने वाले लोगों के लिए भी दी और हमारा धर्म ‘सरबत दा भला’ (सभी का कल्याण) की सीख देता है. इसलिए अपनी सहयोगी पार्टी से उनकी मांग है कि इस नागरिकता संशोधित कानून में मुस्लिम भाईयों को भी शामिल किया जाए. उन्हें इससे बाहर ना रखा जाए. यह भी पढ़े: देश में नागरिकता संशोधन कानून और NRC का विरोध, कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर
BJP ally SAD demands inclusion of Muslims in Citizenship (Amendment) Act
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— ANI Digital (@ani_digital) December 22, 2019
बता दें कि नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) में 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर सताए जाने के कारण भारत आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन धर्मावलंबियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. लेकिन इस बिल में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. जिन्हें शिरोमणि अकाली दल शामिल करने की मांग कर रही है.