Onion-Garlic Ban in this Village: प्याज की कीमतें बेतहाशा बढ़ने के बाद जहां लोग सस्ते प्याज (Onion) के लिए मारामारी कर रहे हैं, वहीं बिहार में एक ऐसा गांव भी है जहां के लोगों को प्याज महंगी होने से कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि वे कभी प्याज-लहसुन खाते ही नहीं. सोते-सोते लाखों कमा रहा ये शख्स, हर रोज आंख खुलते ही अकाउंट में आ जाते हैं 2 लाख रुपये ! जाने कैंसे
जहानाबाद जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर त्रिलोकी बिगहा (Triloki Bigha Bihar) गांव के लोग प्याज की बढ़ी कीमतों से ना परेशान हैं और ना ही हैरान. 25 घरों की आबादी वाले इस गांव को यादवों का टोला के रूप में भी जाना जाता है. इस गांव में कोई भी ऐसा घर नहीं हैं, जहां प्याज और लहसुन (Onion-Garlic) की खरीदारी की जाती है. है. इतना ही नहीं इस गांव के लोग बाहर जा कर भी लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करते हैं.
इस गांव की एक महिला सुबरती देवी ने बताया कि उनकी खुद की उम्र 75 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है, उस वक़्त से आज तक गांव के लोग प्याज और लहसुन के साथ-साथ मांस मदिरा से भी दूर रहते हैं. गांव के बुजुर्ग रामविलास ने कहा कि ऐसा नहीं कि उनके पूर्वज भी प्याज और लहसुन नहीं खाते थे (Onion-garlic Is Banned) और गांव में आज भी यह परंपरा कायम है.
गांव में प्याज और लहसुन पर अघोषित प्रतिबंध के पीछे का भी एक कारण है. ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव में एक ठाकुर जी का मंदिर है. उसकी आस्था और गांव में प्याज खा कर हुई दुर्घटना से ग्रामीणों ने प्याज से तौबा कर ली. इस गांव में कई लोग तो ऐसे भी हैं, जिन्हें यह भी नहीं मालूम की प्याज की कीमत इतनी बढ़ गई है.
ग्रामीणों के अनुसार 40-45 साल पहले किसी ने इस प्रतिबंध को तोड़ने की कोशिश की थी, मगर उस परिवार के साथ कोई अशुभ घटना घट गई थी, उसके बाद लोग प्याज खाने की हिम्मत भी नहीं करते. इसे ग्रामीणों की आस्था कहे या अंधविश्वास, लेकिन कई पीढ़ी से गांव में प्याज सहित मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया जाता है.