Bihar Prohibition Law: समीक्षा नहीं, शराबबंदी कानून 48 घंटे के भीतर वापस ले बिहार सरकार- प्रशांत किशोर
बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद चुनावी रणनीतिकार के रूप में चर्चित प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को एक विफल योजना बनाते हुए इसे 48 घंटे के भीतर रद्द करने की मांग की है.
मोतिहारी, 15 दिसम्बर : बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद चुनावी रणनीतिकार के रूप में चर्चित प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को एक विफल योजना बनाते हुए इसे 48 घंटे के भीतर रद्द करने की मांग की है. उन्होंने भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया. बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने गुरुवार को पूर्वी चंपारण जिले के ढाका में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा के लोग जो आज विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं, जदयू के साथ 5 वर्ष साथ रहकर शराबबंदी का समर्थन किया.
भाजपा को घेरते हुए प्रशांत किशोर ने कहा अब कोई भाजपा से सवाल नहीं कर रहा कि जब आप सरकार में थे आपने शराबबंदी के लिए हटाने के लिए क्या काम किया. इसके साथ ही प्रशांत ने कहा बिहार में जितने भी दल हैं उन्हें शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लेते हुए कहा जब राजद विपक्ष में थी तब शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे, अब ये खुद सरकार चला रहे हैं तो इन्हें शराबबंदी सही लग रही है. यह भी पढ़ें : Gangsters Act Cases: गैंगस्टर्स एक्ट मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, 10 साल की जेल
जन सुराज पदयात्रा के 75 वें दिन उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं. उन्होंने कहा कि अब इस कानून की समीक्षा की जरूरत नहीं है. शराबबंदी के कारण बिहार का माखैल बन रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में नीतीश कुमार को ये कानून वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर पर शराब की दुकानें स्थापित कराई.