पटना, 7 जून : बिहार के हाजीपुर और कोसी क्षेत्र की पहचान केले के उत्पादक के रूप में होती है. इन इलाकों में लंबी और बौनी दोनों प्रजातियों के केले की खेती की जाती है. हाल के वर्षों में हीट वेव और भीषण गर्मी ने केले की फसल को नुकसान पहुंचाया है. वैज्ञानिकों का भी मानना है कि कई वर्षों से हीट वेव (लू) की साल दर साल बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता, विशेष रूप से 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान, केले की खेती के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अत्यधिक तापमान केले की वृद्धि और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा, समस्तीपुर के विभागाध्यक्ष और अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर डॉ. एस के सिंह ने आईएएनएस से कहा कि उच्च तापमान केले में फूल और फल लगने के लिए आवश्यक हार्मोनल संतुलन को बाधित करता है. वे कहते हैं कि फूल को बढ़ावा देने वाले हार्मोन, गर्मी के तनाव से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो जाते हैं, जिससे पुष्पक्रम का खराब विकास होता है. इसके अलावा, फूल लगने की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान गर्मी के चलते असामान्य फूल होंगे जिससे कम फल लग सकते हैं. यह भी पढ़ें : संसद में विरोध प्रदर्शन नहीं चाहते प्रधानमंत्री इसलिए हटाई गई महापुरुषों की प्रतिमाएं : कांग्रेस
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में