पटना: बिहार (Bihar) में भीषण बाढ़ (Flood) से स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. राज्य के 12 जिलों के 80 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक इसकी चपेट में आने से कम से कम 106 लोगों की मौत हो गई है, जबकि फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ के कारण 1816 ग्रामीण पथ और 32 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसलिए कई क्षेत्रों में राहत समाग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसको देखते हुए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने दरभंगा में अपने दो हेलीकॉप्टर तैनात किए है. वहीं राज्य सरकार ने अब तक 4.91 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में छह-छह हजार रुपये बतौर सहायता राशि भेजी हैं.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार बिहार के दरभंगा, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) की केंद्रीय वायु कमान ने दरभंगा में दो हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. इसकी मदद से पीड़ितों को फूड पैकेट और अन्य राहत सामग्रियां पहुंचाई जाएंगी. दरअसल बाढ़ पीड़ित फंसे हुए हैं और यातायात की सुविधा के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बचावकर्मियों के लिए जाना कठिन हो गया था.
Bihar: Indian Air Force (IAF) Central Air Command has deployed two helicopters at Darbhanga to provide relief to flood affected victims in the districts of Darbhanga, Sitamarhi and Madhubani. pic.twitter.com/oIVyeskNjl
— ANI (@ANI) July 24, 2019
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आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य के शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिलों में बाढ़ के कारण 106 लोगों की मौत हुई है. इसमें से सबसे ज्यादा मौते सीतामढी और मधुबनी जिले में हुई है. मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित कई क्षेत्रों में लोग सड़क पर शरण लिए हुए हैं.
राहत शिविर में लाखों पीड़ित-
बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें तैनात की गई हैं तथा 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितो के लिए 54 राहत शिविर बनवाए हैं जिसमें 29,400 लोगों ने शरण ले रखी है और उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 812 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां-
साथ ही सरकार ने कृषि विभाग को कम अवधि वाले धान, मक्का, दलहन व तेलहन के बीज किसानों को वैकल्पिक फसल के लिए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. उधर, बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी खतरे के निशान से ऊपर है.