Bihar Shocker: कार को रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने मार दी टक्कर, पुलिस अधिकारी की मौत, होम गार्ड जख्मी

एक पुलिस अधिकारी ने एक कार को रुकने का इशारा किया लेकिन चालक ने वाहन रोकने के बजाय उन्हें टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई और एक होम गार्ड जख्मी हो गया.

(Photo : X)

बेगूसराय, 20 दिसंबर: बिहार में शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर अवैध तरीके से शराब ले जाने की गुप्त सूचना मिलने के बाद मंगलवार देर रात जांच के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने एक कार को रुकने का इशारा किया लेकिन चालक ने वाहन रोकने के बजाय उन्हें टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई और एक होम गार्ड जख्मी हो गया.

बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार द्वारा जारी बयान के अनुसार, अवैध ढंग से शराब ले जाने की गुप्त सूचना मिली थी जिसके बाद नावकोठी थाने में प्रतिनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षक खामस चौधरी ने जांच के लिए एक कार को रुकने का इशारा किया लेकिन गाड़ी ने रुकने के बजाय उन्हें टक्कर मार दी जिससे ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

बयान में बताया गया है कि चौधरी कल देर रात्रि साढ़े 12 बजे कार को रोकने के लिए छतौना बुढी गंडक नदी पुल के पास सड़क पर होम गार्ड के तीन जवानों के साथ खड़े थे. उसमें बताया गया है कि कार चालक ने पुलिस को देख गाड़ी की गति बढ़ा दी और चौधरी को टक्कर मार दी जिससे वह नीचे गिर गए और पत्थर से उनका सिर टकरा गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

बयान के मुताबिक, घटना में होम गार्ड का एक जवान भी जख्मी हुआ है जिसका इलाज जिला सदर अस्पताल में किया जा रहा है. चौधरी (52) मधुबनी जिले के रहिका थाना अंतर्गत अरिया गांव के रहने वाले थे. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कार मालिक को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही. उन्होंने कहा, "पुलिस दल द्वारा रोके जाने पर वाहन को रुक जाना चाहिए था, लेकिन उसने एक गंभीर अपराध किया. उसके लिए मौत की सजा की मांग की जाएगी. पुलिस विभाग शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है."

इस बीच, बेगूसराय से सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर राज्य की नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया. गिरिराज ने आरोप लगाया, "नीतीश कुमार की त्रुटिपूर्ण शराबबंदी नीति ने कई निर्दोष लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया है और शराब नीति के कारण कई सरकारी अधिकारियों की हत्या हुई है."

केंद्रीय मंत्री ने एक वीडियो बयान में कहा, "अब समय आ गया है कि नीतीश कुमार अपनी जिद छोड़ें और नीति की समीक्षा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएं." नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

कुमार ने तब दावा किया था कि राज्य की महिलाओं की मांग पर उन्होंने यह कदम उठाया.

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