कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ईडीएलआई योजना (Employees' Deposit Linked Insurance Scheme) में कई अहम बदलाव किए हैं. अब इस योजना का लाभ पाना और भी आसान हो गया है. इससे लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को फायदा मिलेगा, खासकर उन परिवारों को जिनके कमाने वाले सदस्य की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है.
अब कम से कम 50,000 रुपये का बीमा निश्चित
अब अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को कम से कम 50,000 रुपये का बीमा जरूर मिलेगा. इसके लिए अब पीएफ (PF) खाते में 50,000 रुपये का बैलेंस होना जरूरी नहीं है. पहले नियम यह था कि अगर पीएफ खाते में 50,000 रुपये या उससे ज्यादा नहीं होते, तो बीमा का लाभ नहीं मिलता था. लेकिन अब यह शर्त हटा दी गई है, जिससे ज्यादा लोगों को इस योजना का फायदा मिल सकेगा.
60 दिन की नौकरी में ब्रेक अब ‘ब्रेक’ नहीं माना जाएगा
नए नियमों के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी ने दो नौकरियों के बीच ज्यादा से ज्यादा 60 दिन का ब्रेक लिया है, तो इसे सेवा में रुकावट नहीं माना जाएगा. यानी ऐसे छोटे-छोटे गैप को अब नजरअंदाज किया जाएगा और 12 महीने की लगातार नौकरी मान ली जाएगी. इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिन्होंने अलग-अलग कंपनियों में काम किया है, लेकिन बीच में थोड़ा समय खाली रहा है. अब उन्हें भी ईडीएलआई स्कीम का पूरा फायदा मिल सकेगा.
मृत्यु के 6 महीने बाद तक भी मिलेगा बीमा लाभ
अब अगर किसी कर्मचारी की मौत उसकी आखिरी सैलरी मिलने के 6 महीने के अंदर हो जाती है, तो उसके द्वारा नामित व्यक्ति (Nominee) को ईडीएलआई योजना का बीमा लाभ जरूर मिलेगा. मतलब यह कि अगर आखिरी बार पीएफ की कटौती होने के छह महीने के भीतर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को बीमा की राशि मिलना तय है. इससे उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके सदस्य नौकरी छोड़ने के कुछ समय बाद ही दुनिया से चले जाते हैं.
क्या है ईडीएलआई योजना?
ईडीएलआई योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा चलाई जाती है. इस योजना का मकसद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी के दौरान अचानक मृत्यु होने की स्थिति में उनके परिवार को बीमा सुरक्षा देना है. इस स्कीम की खास बात यह है, कि इसमें कर्मचारी को अपनी सैलरी से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना होता है. पूरा खर्च नियोक्ता (Employer) द्वारा ईपीएफओ में जमा की जाने वाली राशि से होता है.
अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नामित व्यक्ति या कानूनी वारिस को 2.5 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है. यह राशि परिवार के लिए एक अहम आर्थिक सहारा बनती है.
इन बदलावों से किसे फायदा होगा?
अब ऐसे कर्मचारियों को भी पहले की तुलना में आसानी से ईडीएलआई योजना का बीमा लाभ मिल सकेगा, जिनके पीएफ खाते में कम राशि है, जिनकी नौकरी में 1-2 महीने का गैप रहा है, या फिर जिनकी मृत्यु नौकरी छोड़ने के कुछ ही महीनों के भीतर हो गई है. पहले इन कारणों से बीमा लाभ मिलने में दिक्कत होती थी, लेकिन नए नियमों के बाद अब इन शर्तों को सरल कर दिया गया है, जिससे ज्यादा कर्मचारियों और उनके परिवारों को इस योजना का फायदा मिल पाएगा.
ईपीएफओ द्वारा ईडीएलआई योजना में किए गए यह बदलाव कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होंगे. अब बिना किसी बड़ी शर्त के भी परिवार को आर्थिक सहायता मिल सकेगी. यह कदम संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है.
इसलिए अगर आप पीएफ खाताधारक हैं, तो यह जरूरी है, कि आप अपने नॉमिनी की जानकारी अपडेट रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आपका परिवार इस योजना का लाभ सही समय पर उठा सके.













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