भूपेन हजारिका के परिवार ने किया नागरिकता बिल का विरोध, भारत रत्न लौटाने का फैसला
भूपेन हजारिका (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment bill) के खिलाफ प्रसिद्ध असमिया कवि भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) के परिवार ने भारत रत्न (Bharat Ratna) लौटाने का फैसला किया है. भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रख्यात दिवंगत गायक भूपेन हजारिका के परिजनों ने भारत रत्न सम्मान लेने से मना कर दिया है. इसके पीछे पूर्वोत्तर भारत के लिए प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 बताया जा रहा है.  हालांकि इस बात की पुष्टी नहीं हो सकी है. खबरों की मानें तो भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका अमेरिका में रहते हैं. और उन्होंने भारत रत्न सम्मान लेने से इनकार किया है.

गौरतलब हो कि हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी दिवंगत नानाजी देशमुख और गायक-गीतकार-संगीतकार व फिल्मकार दिवंगत भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजा गया था.

कवि, पाश्र्वगायक, गीतकार और फिल्म निर्माता हजारिका का 85 वर्ष की आयु में 2011 में निधन हो गया था. उन्होंने असमिया लोक गीत और संस्कृति को हिंदी सिनेमा में लाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी.

उन्हें 1987 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1977 में पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण और 2012 में मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया था. हजारिका को 1992 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था. हजारिका ने 1952 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी. उनका निधन 2011 में हुआ था.

हजारिका ने राजनीति के क्षेत्र में भी हाथ आजमाये थे. उन्होंने 2004 में बीजेपी के टिकट पर गुवाहाटी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली थी. वह 1967-72 के दौरान असम में निर्दलीय विधायक भी रहे थे.

PM मोदी ने कांग्रेस को फटकारा-

शनिवार को पीएम मोदी ने दिवंगत भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने में देरी के लिए विपक्षी दल को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था. गुवाहाटी के पास चांगसारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "संगीत उस्ताद भूपेन हजारिका और गोपीनाथ बोरदोलोई भारत रत्न के योग्य थे, लेकिन पिछली सरकारों ने उन्हें सम्मानित करने में दशकों की देरी की. यह बीजेपी सरकार ही है, जिसके कार्यकाल में असम के दोनों योग्य बेटों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया."

क्या है नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016-

लोकसभा में आठ जनवरी को पारित हुए विधेयक के कारण देश के पूर्वोत्तर राज्यों में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस विधेयक के तहत नागरिकता अधिनियम 1955 को संशोधित करने की बात की गई है, जिसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आकर बसे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.