कोरोना वायरस | (Photo Credits: PTI)
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को लेकर 1984 के यूनियन कार्बाइड आपदा में जीवित बचे लोगों के साथ काम करने वाली वाले संगठन ने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) पर एक बड़ा आरोप लगाया है. संगठन की तरफ से आरोप लगाया गया है कि अस्पताल आपराधिक लापरवाही और कुप्रबंधन का दोषी है. क्योंकि पिछले 15 दिनों में अस्पताल के अलग- अलग वार्डों में कोरोना महामारी से संक्रमित 6 गैस पीड़ितों की मौत हुई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति को लिखे एक पत्र में भोपाल के छह गैस त्रासदी पीड़ितों का ब्योरा साझा किया गया है. जिसमे इस बात का खुलासा हुआ हैं. संगठन की तरफ से इनके मौत को लेकर कहा गया है कि अस्पताल में कोविड-19 के इलाज के लिए डॉक्टरों के नहीं होने की वजह से पीड़ितों की मौत हुई हैं. यह भी पढ़े: Coronavirus Cases in India: भारत में एक दिन में कोरोना महामारी के सर्वाधिक 83 हजार 883 नए मामले आए सामने, पिछले 24 घंटों में एक हजार से अधिक संक्रमितों की हुई मौत
बातें ने कि भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है और वर्तमान में इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा चलाया जा रहा है. पीड़ितों के साथ हुए इस लापरवाही को लेकर भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरूष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने बातचीत में कहा कि ICMR को लिखे पत्र में में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जब तक ICMR द्वारा तत्काल इनके इलाज को लेकर कदम नहीं उठायें जाएंगे तक तक इसी तरफ से भोपाल में कोरोना से संक्रमित पीड़ित इसी तरह से मेट रहेंगे. नवाब खान ने वहीं आगे बताया कि भोपाल में हुए कोरोना संक्रमितों की मौत में 60 फीसदी गैस पीड़ित लोग शामिल हैं.
अस्पताल के खिलाफ संगठन ने आरोप लगते लगते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट काल में कोविड-19 समेत गैस पीड़ितों को बीएमएचआरसी (BMHRC) के आइसोलेशन वार्ड में मरने के लिए छोड़ दिया गया है. इससे भी बड़ा दुःख की बात है कि जिन लोगों को आईसीयू सुविधाओं या न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो और न्यूरो सर्जरी की जरूरत है. उनका इलाज करना तो दूर उनको अस्पताल समे लेने से मना कर दिया जा रह है, वहीं आरटीआई से पता चला है कि इन सभी विभागों में महामारी से पहले की अवधि की तुलना में गैस पीड़ितों के प्रवेश में 2 से 11 गुना की कमी आई है.
वहीं भोपाल ग्रुप ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना धींगरा ने कहा कि शहर कोरोना रोगियों के लिए ऑक्सीजन और ICU सुविधाओं की कमी का सामना कर रहा है. ऐसे में बीएमएचआरसी में इन परेशानियों के बारे में ध्यान में रखना चाहिए.
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को लेकर 1984 के यूनियन कार्बाइड आपदा में जीवित बचे लोगों के साथ काम करने वाली वाले संगठन ने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) पर एक बड़ा आरोप लगाया है. संगठन की तरफ से आरोप लगाया गया है कि अस्पताल आपराधिक लापरवाही और कुप्रबंधन का दोषी है. क्योंकि पिछले 15 दिनों में अस्पताल के अलग- अलग वार्डों में कोरोना महामारी से संक्रमित 6 गैस पीड़ितों की मौत हुई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति को लिखे एक पत्र में भोपाल के छह गैस त्रासदी पीड़ितों का ब्योरा साझा किया गया है. जिसमे इस बात का खुलासा हुआ हैं. संगठन की तरफ से इनके मौत को लेकर कहा गया है कि अस्पताल में कोविड-19 के इलाज के लिए डॉक्टरों के नहीं होने की वजह से पीड़ितों की मौत हुई हैं. यह भी पढ़े: Coronavirus Cases in India: भारत में एक दिन में कोरोना महामारी के सर्वाधिक 83 हजार 883 नए मामले आए सामने, पिछले 24 घंटों में एक हजार से अधिक संक्रमितों की हुई मौत
बातें ने कि भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है और वर्तमान में इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा चलाया जा रहा है. पीड़ितों के साथ हुए इस लापरवाही को लेकर भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरूष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने बातचीत में कहा कि ICMR को लिखे पत्र में में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जब तक ICMR द्वारा तत्काल इनके इलाज को लेकर कदम नहीं उठायें जाएंगे तक तक इसी तरफ से भोपाल में कोरोना से संक्रमित पीड़ित इसी तरह से मेट रहेंगे. नवाब खान ने वहीं आगे बताया कि भोपाल में हुए कोरोना संक्रमितों की मौत में 60 फीसदी गैस पीड़ित लोग शामिल हैं.
अस्पताल के खिलाफ संगठन ने आरोप लगते लगते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट काल में कोविड-19 समेत गैस पीड़ितों को बीएमएचआरसी (BMHRC) के आइसोलेशन वार्ड में मरने के लिए छोड़ दिया गया है. इससे भी बड़ा दुःख की बात है कि जिन लोगों को आईसीयू सुविधाओं या न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रो और न्यूरो सर्जरी की जरूरत है. उनका इलाज करना तो दूर उनको अस्पताल समे लेने से मना कर दिया जा रह है, वहीं आरटीआई से पता चला है कि इन सभी विभागों में महामारी से पहले की अवधि की तुलना में गैस पीड़ितों के प्रवेश में 2 से 11 गुना की कमी आई है.
वहीं भोपाल ग्रुप ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना धींगरा ने कहा कि शहर कोरोना रोगियों के लिए ऑक्सीजन और ICU सुविधाओं की कमी का सामना कर रहा है. ऐसे में बीएमएचआरसी में इन परेशानियों के बारे में ध्यान में रखना चाहिए.