भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे कोर्ट का फरमान,आरोपी वरवर राव को 26 नवंबर तक न्यायिक हिरासत
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी वरवर राव को पुणे सेशंस कोर्ट ने 26 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. बता दें कि कोर्ट ने राव को उनके हैदराबाद स्थित घर में नजरबंद किया हुआ था, जिसकी मियाद 15 नवंबर को खत्म हो गई थी
पुणे: भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी वरवर राव को पुणे सेशंस कोर्ट ने 26 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. बता दें कि कोर्ट ने राव को उनके हैदराबाद स्थित घर में नजरबंद किया हुआ था, जिसकी मियाद 15 नवंबर को खत्म हो गई थी और मियाद खत्म होने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था. खबरों के अनुसार, पारगमन हिरासत को रद्द करने से जुड़ी उनकी एक याचिका को 16 नवंबर को वहां की एक अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था.
माओवदियों से संबंध रखने के आरोपी तेलगु कवि वरवर राव को रविवार की सुबह पुणे लाया गया और जिला एवं सत्र न्यायाधीश किशोर वी वडाने की अदालत में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 26 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
जिला सरकारी अधिवक्ता उज्ज्वल पवार ने 14 दिनों के लिये पुलिस हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि राव के भाकपा (माओवादी) के प्रमुख भगोड़े कार्यकर्ताओं से संबंध थे और वह माओवादी गतिविधियों के लिये हथियार व गोलाबारूद हासिल करने, छात्रों की भर्ती करने और रकम जुटाने में सक्रिय हैं. यह भी पढ़ें: जिन वाम विचारकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई वो UPA सरकार की नक्सल समर्थकों की सूचि में भी थे
गौरतलब है कि वरवर राव को पुणे पुलिस ने माओवादियों से कथित तौर पर संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. महाराष्ट्र पुलिस ने राव सहित पांच कार्यकर्ताओं अन्य कार्यकर्ताओं को भीमा- कोरेगांव में हुए हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया था. इन सभी को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से इन सभी को नजरबंद रखा गया था.