COVAXIN के आपात इस्तेमाल को WHO ने दी मंजूरी, जानें क्या है इसका महत्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने भारत बायोटेक के कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए ‘आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध’ (ईयूएल) के दर्जे की सिफारिश की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की तकनीकी समिति ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सिन को आपात उपयोग की सूची में रखने की सिफारिश की है. बुधवार को हुए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. जिसके बाद WHO ने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है. COVID-19 Vaccination Campaign: कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान को घर-घर ले जाना होगा: प्रधानमंत्री मोदी.
WHO की ओर से मिली इस मंजूरी के बाद अब भारत में बनी इस कोरोना वैक्सीन को अब अन्य देशों में मान्यता मिल सकेगी और COVAXIN लगवाने वाले लोगों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान क्वारंटीन होने या अन्य प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
COVAXIN के आपात इस्तेमाल को WHO की हरी झंडी
इससे पहले तकनीकी परामर्शदाता समूह ने 26 अक्टूबर को टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन’ करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे.
कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अपने टीके की इमरजेंसी इस्तेमाल उपयोग की मंजूरी के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ के समक्ष आवेदन दिया था. कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है.
डब्ल्यूएचओ ने अब तक फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जॉनसन 7 जॉनसन- जेनसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है.