Bharat Bandh: 48 घंटे की हड़ताल से आम जनता परेशान, कल जंतर-मंतर पर जमा होंगे बैंक कर्मचारी
हड़ताल के कारण जिन लोगों को काम है, उन्हें मायूस होकर बैंक के बाहर से ही लौटना पड़ा रहा है. वहीं मंगलवार को बैंक कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर जंतर-मंतर पर जमा होंगे.
Bharat Bandh Bank Strike Effect, 28 मार्च: अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण (Bank Privatization) की सरकार की योजना के विरोध में 28 और 29 मार्च को पूरे भारत में बैंकों की हड़ताल का आह्वान किया है. हड़ताल के कारण जिन लोगों को काम है, उन्हें मायूस होकर बैंक के बाहर से ही लौटना पड़ा रहा है. Bharat Bandh: देश के कई हिस्सों में दिख रहा भारत बंद का असर, सड़कों पर पसरा सन्नाटा, कोलकाता में रोकी ट्रेन
दरअसल केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक समेत दो बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया है. सरकार ने पिछले बजट में ही इसकी घोषणा की थी, तभी से बैंक यूनियन निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. तमाम यूनियनों की मांग है कि सरकार बैंकों के निजीकरण का प्रस्तावों वापस ले, वहीं चाइल्ड केयर लीव की मांग और पुरानी पेंशन योजना बहाल करने से जुड़ी मांगो को लेकर यह हड़ताल की जा रही है.
ऑल इंडिया पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर के जनरल सेक्रेटरी कृष्णा कुमार ने बताया, हम दिल्ली के जंतर मंतर पर 29 मार्च को जमा होंगे और प्रदर्शन करेंगे. अभी हम दो दिन के हड़ताल पर हैं, इस देश के 20 करोड़ मजदूर हड़ताल पर हैं इसलिए हम यह हड़ताल कर रहे हैं. वहीं बैंकों के निजीकरण को लेकर हम यह हड़ताल कर रहे हैं. करीब 7 से 8 मांगों को लेकर यह सब हो रहा है. देशभर के सभी जगहों पर प्रदर्शन हो रहा है.
हम सरकार के आर्थिक नीति के खिलाफ यह हड़ताल कर रहे हैं न कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हैं. न ही कोई राजनीति से जुड़ा यह हड़ताल है.
दिल्ली स्थित पीएनबी बैंक के बाहर कई ग्राहक पैसे निकालने व अपने करीबियों को पैसे भिजवाने के लिए बैंक पहुंचे लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. ग्राहकों की माने को उन्हें अभी बताया गया है कि बैंक हड़ताल है. यदि पहले पता होता तो शायद वे जल्द यह काम पूरा कर लेते.
बैंक ग्राहक शिव नारायण ने बताया , पीएनबी बैंक में मेरा खाता है और मैं यहां पैसे निकलाने आया था लेकिन हड़ताल के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका. मुझे इमरजेंसी में अपने गांव जाना था.
साथ ही बैंकों के एटीएम मशीन भी काम नहीं कर रही हैं, इस कारण भी लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. बैंकों ने दरवाजे पर ही एक पत्र चस्पा करके हड़ताल की जानकारी दी है.
इससे पहले साप्ताहिक अवकाश के चलते बैंक पहले ही 2 दिन बंद थे. इस हड़ताल से लोगों की दिक्कतें इस कारण भी बढ़ने वाली हैं. 26 मार्च को महीने का चौथा शनिवार था, जबकि 27 मार्च को रविवार था इस कारण बैंक पहले ही लगातार 2 दिन बंद रह चुके हैं. इस तरह लगातार 4 दिनों के लिए देश में बैंकिंग कामकाज ठप रहेगा.
हालांकि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर कुछ बैंक एसोसिएशन की तरफ से इस हड़ताल का ज्यादा असर न देखे जाने की भी बात कही गई है.
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने बताया, 2 दिन की बैंक हड़ताल का पहले दिन ही कोई असर नहीं दिख रहा है, क्योंकि बैंक कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की 9 यूनियंस में से केवल लेफ्ट समर्थित 3 बैंक यूनियंस, ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया और आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने वाम समर्थित केंद्रीय श्रम संगठनों के समर्थन में बुलाई 28, 29 मार्च 2022 की हड़ताल में भाग ले रही हैं. बाकि 6 यूनियंस ने अपने को इस राजनैतिक हड़ताल से अलग रखा है.
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