बेंगलुरु: गर्मी के पहले ही जलसंकट से जूझ रहे कर्नाटक के बेंगलुरु में मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बेंगलुरु में चल रहे जल संकट के बीच, कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (KWSSB) ने गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन गतिविधियों में कार धोना, गार्डनिंग ,कंस्ट्रक्शन, पानी के फव्वारे का संचालन और सड़क निर्माण और रखरखाव शामिल हैं. यह सख्त कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब शहर पानी की गंभीर कमी से जूझ रहा है और इसका उद्देश्य आवश्यक उपयोग के लिए पानी का संरक्षण करना है. इस आदेश का उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 5 अगस्त को ब्लैक डे बताना और पाकिस्तान को 14 अगस्त की बधाई देना अपराध नहीं... सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी.
यानी बेंगलुरु में अगर कोई कार वॉश, गार्डनिंग, कंस्ट्रक्शन, रोड का कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस करते या वाटर फाउंटेन का इस्तेमाल बैन हो गया है. कोई ऐसा करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. आदेश का उल्लंघन करने वाले शख्स को 5 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा.
गंभीर जल संकट से जूझ रहा बेंगलुरु
बेंगलुरु गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. वर्ष 2023 में बारिश की कमी के कारण पूरा कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलुरु हाल के वर्षों में जल संकट की सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है.
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेंगलुरु के कुमारकृपा रोड स्थित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय-सह-आवास के अंदर पानी के टैंकर देखे गए हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु के सदाशिवनगर में उनके घर का बोरवेल पहली बार पूरी तरह से सूख गया है, जबकि यह (घर) सदाशिवनगर सैंकी झील के बगल में स्थित है. बेंगलुरु की सड़कों पर पानी के टैंकर को चक्कर लगाते देखना अब आम हो चला है.
पानी की कमी के चलते ऑनलाइन क्लास
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के विजयनगर स्थित एक कोचिंग सेंटर ने अपने विद्यार्थियों को 'आपात' स्थिति के कारण एक सप्ताह के लिए ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए कहा है. ठीक इसी तरह शहर के बन्नेरघट्टा मार्ग स्थित एक स्कूल को भी बंद कर दिया गया तथा विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने का निर्देश दिया गया. यह 'आपात' स्थिति और कुछ नहीं बल्कि शहर में जारी भीषण जल संकट है.
पानी के टैंकर की कीमत आसमान पर
पानी की आपूर्ति करने वाला एक टैंकर 700 से 800 रुपये लेता था, लेकिन अधिक मांग होने के कारण अब टैंकर की दर 1,500 से 1,800 रुपये के बीच हो गई है. बेंगलुरु के उत्तरहल्ली के रहने वाले शरशचंद्र ने कहा, ''हमारे परिवार में छह सदस्य हैं. उचित तरीके से इस्तेमाल करने पर पानी का एक टैंकर पांच दिनों तक चलता है. इसका मतलब है कि हमें एक महीने में छह टैंकर पानी की जरूरत होती है, जिसके लिए हमें प्रति माह लगभग 9000 रुपये खर्च करने होंगे. हम कब तक इस तरह से पैसा खर्च करें?''