बेंगलुरु: एक 30 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ एक भयानक घटना हुई जिसने एक बड़े ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप से खाना मंगवाया था. 17 मार्च को ब्रूकफील्ड के पास एईसीएस लेआउट में उनके घर पर डिलीवरी बॉय ने कथित रूप से उनका यौन उत्पीड़न किया.
पीड़िता, जिसका नाम सुरक्षा कारणों से बदला गया है - आरुषि, ने बताया कि यह भयानक घटना पास के एक रेस्टोरेंट से डोसा मंगवाने के बाद हुई थी. खाना उन्हें शाम 6:45 बजे डिलीवर किया गया.
महिला ने बताया कि- “मैनें शिष्टाचार के तौर पर उससे (डिलीवरी बॉय) पूछा कि क्या वह थोड़ा पानी पीना चाहेंगे. उसने हां कहा. मैं अंदर गई और उसे एक गिलास पानी दिया जिसके बाद वह चला गया." लेकिन, कुछ ही सेकंड बाद, 20 साल का लड़का फिर से उसके दरवाजे पर दस्तक देने लगा. “जब मैंने दरवाजा खोला, तो उसने कहा, ‘मैम, क्या मैं आपका वॉशरूम इस्तेमाल कर सकता हूं? बहुत जरूरी है.’ मैंने उसे वॉशरूम दिखाया. जैसे ही वह बाहर आया, मैंने उससे जाने के लिए कहा. उसने कहा, ‘क्या मैं फिर से थोड़ा पानी पी सकता हूँ?’ जिस पर मैं मान गई और उसे दरवाजे के पास ही खड़े रहने के लिए कहा. चौंकाने वाली बात यह है कि वह मेरे पीछे किचन में आ गया. उसने कुछ बुदबुदाया जो मुझे समझ नहीं आया और बस मेरा हाथ पकड़ लिया. मैं उस पर चिल्लाने लगी कि वह क्या कर रहा है और वह किचन में क्यों आया है.
जब वो मेरा हाथ पकड़े हुए था, मैंने एक कड़ाही उठाई और उसे उसकी पीठ पर मार दिया. वह घर से बाहर भाग गया. मैं उसके पीछे लिफ्ट तक दौड़ी, लेकिन वह सीढ़ियां लेकर भाग निकला,"
पीड़िता के अनुसार, डिलीवरी बॉय दाढ़ी वाला था और उसने अपना फेस मास्क नीचे गिरा रखा था. आरुषि ने 112 (पुलिस हेल्पलाइन) पर फोन किया और व्हाइटफील्ड पुलिस स्टेशन से होसला टीम आई. उन्होंने उसे एचएएल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया.
महिला ने कहा “डिलीवरी बॉय मुझसे टूटी-फूटी हिंदी और अंग्रेजी में बात करता था, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि जब वह किचन में आया और मेरे पास आया तो उसने किसी और भाषा में बात की,”
घटना के बाद, जिस चार मंजिला इमारत में वह रहती हैं, उसके रहने वालों ने फैसला किया है कि डिलीवरी बॉयज को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और वह गेट से ही खाना ले लेंगे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरों में डिलीवरी बॉय को कैद कर लिया गया है, जिसे आकाश बी के नाम से पहचाना गया है और उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है.
आरुषि ने बताया- “ऑनलाइन कंपनी ने मेरी शिकायत का जल्द जवाब नहीं दिया. उन्होंने उसका मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी भी साझा नहीं की, जब मैं पुलिस स्टेशन पहुंची तब भी नहीं. जब मैं कंपनी के कस्टमर केयर से बात कर रही थी, तो उन्होंने अनजाने में एक पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना कि मुझे कंपनी का नाम लिखना चाहिए, जिसके बाद उन्होंने उसका फोन नंबर बताया."