Condom in School bag: नाबालिग छात्रों के स्कूल बैग से मिले कंडोम और सिगरेट, अभिभावकों को नोटिस जारी
स्कूल बैग/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

बेंगलुरु: स्कूल में छात्रों को वैसे तो मोबाइल फोन (Mobile Phone) लाने पर पाबंदी होती है, ऐसे में बेंगलुरु (Bengaluru) के कई स्कूलों में कक्षाओं के भीतर स्कूली छात्रों (School Students) के स्कूली बैगों की जब सरप्राइज जांच (Surprise Check) की गई तो अधिकारी हैरान रह गए.

जांच के दौरान कक्षा 8वीं, 9वीं और 10वीं के स्कूली छात्रों के बैग से मोबाइल फोन के अलावा अधिकारियों को कंडोम (Condom), मौखिक गर्भ निरोधक (Oral Contraceptive), लाइटर (Lighter), सिगरेट (Cigarette), व्हाइटनर और कैश मिले. बताया जाता है कि कक्षाओं में सेल फोन लाने की शिकायतों के बाद कुछ स्कूलों ने छात्रों के बैग की जांच शुरु कर दी. यहां तक कि कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के संबद्ध प्रबंधन ने स्कूलों से छात्रों के बैग की जांच शुरु करने को कहा, जिसके परिणाम देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए.

कुछ स्कूलों ने विशेष अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित की. नगरभावी के एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि बैग की जांच के बाद जो नतीजे सामने आए उससे बच्चों के माता-पिता भी समान रूप से हैरान थे और उन्होंने हमें अपने बच्चों में अचानक व्यवहार परिवर्तन के बारे में बताया. स्थिति को सावधानी से संभालने के लिए स्कूलों ने अभिभावकों को नोटिस जारी किया और छात्रों को निलंबित करने के बजाय परामर्श की सिफारिश की.

प्रिंसिपल ने कहा- हालांकि हमारे स्कूलों में परामर्श सत्र होते हैं, हमने बच्चों के माता-पिता से कहा कि वे बाहर से बच्चों के लिए मदद लें और उन्हें 10 दिन तक की छुट्टी दी जाए. एक अन्य प्रिंसिपल ने कहा कि 10वीं कक्षा की छात्रा के बैग में एक कंडोम मिला था. जब पूछताछ की गई तो उसने अपने सहपाठियों या निजी ट्यूशन में उन लोगों को दोषी ठहराया, जिनके पास वह जाती है.

कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के महासचिव डी शशि कुमार ने कहा कि 80 प्रतिशत स्कूलों में चेकिंग की गई. उन्होंने कहा कि एक छात्र के बैग में मौखिक गर्भनिरोधक (आई-पिल) थे, साथ ही पानी की बोतलों में शराब भी थी. यह भी पढ़ें: कानपुर के गर्ल्स हॉस्टल में सफाई कर्मचारी ने बनाया लड़कियों का वीडियो, गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि हम इस सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. छात्रों को शिक्षकों और सहपाठियों को परेशान करते, अभद्र भाषा का प्रयोग करते, धमकाते या बुरे इशारे करते हुए पाया गया है. हैरत की बात तो यह है कि इस तरह का व्यवहार पांचवीं कक्षा के बच्चों में भी देखा जा रहा है.

अभय अस्पताल के सलाहकार मनोचिकित्सक डॉ. ए जगदीश ने ऐसे मामले में माता-पिता को बच्चों के प्रति अपनी देखरेख पर जोर देने को कहा. उन्होंने कहा कि एक मामले में एक सिंगल मदर को अपने 14 साल के बेटे के जूतों की रैक में एक कंडोम मिला. कुछ बच्चे इसका प्रयोग करना और ऐसी गतिविधियों में शामिल होना पसंद करते हैं. इसमें धूम्रपान, नशीली दवाओं की लत और विपरीत लिंग के साथ अत्यधिक सामाजिकता शामिल है, जिसमें शारीरिक संपर्क हो सकता है.