कहीं आपको मटन के नाम पर कुत्तों का मांस तो नही परोसा जा रहा? हुआ खुलासा

बेंगलुरु में सड़क के कुत्तों के के स्थानांतरण की आड़ में उन्हें कसाई खाने में लेकर काटा जा रहा है और उनके मांस को मटन बताकर बेंगलुरु के बड़े-बड़े होटलों में बेचा जा रहा है. हाल ही में में इस मामले में एक बाड़ा खुलासा हुआ है और कई लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज कर आगे किन जाच शुरू कर दी गई है.

कहीं आपको मटन के नाम पर कुत्तों का मांस तो नही परोसा जा रहा? हुआ खुलासा
आवारा कुत्ते (Photo Credit- Pixel)

बेंगलुरु में सड़क के कुत्तों के के स्थानांतरण की आड़ में उन्हें कसाई खाने में लेकर काटा जा रहा है और उनके मांस को मटन बताकर बेंगलुरु के बड़े-बड़े होटलों में बेचा जा रहा है. हाल ही में में इस मामले में एक बाड़ा खुलासा हुआ है और कई लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

चंदापुरा के एक अपार्टमेंट रेसिडेंट ने अपने परिसर से कुत्तों को खत्म करने का फैसला किया. नेकल रोड पर VBHV अपार्टमेंट्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने तमिलनाडु स्थित एक एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा और प्रति कुत्ते पर उन्हें 600 रुपये का भुगतान किया. उन्होंने ज्यादातर पिल्लों को उस जगह से दूसरी जगह पहुंचाने को कहा ताकि रात भर उनके भौंकने की परेशानी से बच सके. यहां रहने वाले रहिवासियों को ये भी डर था कि कहीं ये कुत्ते उनके बच्चों को कोई नुक्सान न पहुंचाए. लेकिन कुछ डॉग लवर्स की दखल अंदाजी की वजह से अपार्टमेंट रेसिडेंट और असोसिएशन को क्रिमिनल आरोप और चुनौतियों का सामना करना पड़ा. पुलिस में मामला दर्ज कराया गया, जिसके बाद एनेकल पुलिस ने उनसे सबूत मांगा कि कुत्तों को कहां स्थानांतरित किया जा रहा है और इसके लिए असोशिएशन को कुछ वक्त भी दिया गया. एनीमल वेलफेयर ऑफिसर केबी हरीश (animal welfare officer), को जब पता चला कि स्थानांतरण के नाम पर पकड़े जाने वाले कुत्तों के साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता है. उन्हें मारकर उनका मांस मटन शॉप पर बेचा जा सकता है. इसके बाद उन्होंने इस घटना के बारे में पता लगाना शुरू किया. 15 जुलाई सोमावार को उन्हें साढ़े पांच एक फोन आया. उन्होंने पुलिस को डॉग लवर्स और स्वयंसेवकों की एक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचने को कहा लेकिन जब तक पुलिस घटनास्थल पर पहुंची गाड़ी निकल चुकी थी. वहां से सारे सबूत इकट्टे कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. निवासियों का दावा है कि इन कुत्तों को जिगानी के पास कहीं छोड़ दिया गया था. उस क्षेत्र से लगभग 50 कुत्ते गायब थे, लेकिन निवासियों का दावा है कि उन्होंने केवल 27 को स्थानांतरित किया है. पुलिस को संदेह है कि इन कुत्तों के मांस का व्यापार किया जा रहा है.

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दोनों गाड़ियों पर ब्रूअट बेंगलुरु महानगर पालिका का स्टीकर था और ये कर्णाटक में रजिस्टर्ड थीं और वेहीकल डेटाबेस के अनुसार दोनों गाड़ियां KA-19-C-5948 और KA-51-B-2018 कई आरटीओ में पंजीकृत हैं. बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं हरीश ने कहा कि एनेकल घटना अद्वितीय हो सकती है लेकिन यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कुत्तों के मांस बेचने के मामले सामने आचुके हैं. वहां के लोगों का कहना है कि कुत्ते बहुत गायब हुए कुत्ते बहुत मिलनसार थे, उनमें से ज्यादातर पिल्ले थे. अपार्टमेंट के बच्चे इन्ही के साथ खेलते थे. लेकिन जो माता पिता नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे कुत्तों के साथ खेले उन्होंने कुत्तों से छुटकारा पाने का फैसला किया. अपार्टमेन्ट के गार्ड  उनकी डंडों से पिटाई करते थे और यहां तक ​​कि उनके साथ मारपीट करते थे. उन्हें अपार्टमेंट से दूर रखने के लिए उन पर पत्थर फेंकते थे. एसोसिएशन ने डॉग पकड़ने वाली एजेंसी को बुलाया था जिसने इन्हें पकड़ा था. कुत्ते पकड़ने के लिए वे बेंत और रस्सी का उपयोग करते हैं. उनमें से अधिकांश गंभीर रूप से घायल हो गए थे और पकड़े गए सभी को दो दिनों तक बारिश में बाहर पिंजरे में रखा गया था. लेकिन मंगलवार 16 जुलाई को एक स्थानीय निवासी ने इस घटना का वीडियो बनाया और एनिमल लवर्स के बीच शेयर कर उनसे मदद मांगी, उनमें से तो एक ने अंदर ही दम तोड़ दिया था.

एक एक्सपर्ट ने कहा कि कुत्ते भले ही कसाई खाने में मारे नहीं जाते हो लेकिन पुनर्वास उनके लिए बहुत ही घातक झटका है. कुत्ते प्रादेशिक जानवर होते हैं, वो आसानी से किसी अलग क्षेत्र में एडजस्ट नहीं कर पाते हैं. हर एरिया में कुत्तों का एक लीडर होता है जो किसी दूसरे कुत्ते को अपने एरिया में घुसने नही देता है. जिसकी वजह से कुत्तों में बहुत सीरियस झगड़े भी होते हैं, जिसकी वजह से सड़कों पर आने जाने वाले लोग भी परेशान होते हैं. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कुत्तों का पुनर्वास अवैध कार्य है. उसके बावजूद लोग कुत्तों को स्थानांतरित किया जा रहा है. उदाहरण के लिए कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियां और आईटी पार्क हैं जो बीबीएमपी के टीकाकरण के बाद कुत्तों को स्थानांतरित करने के लिए पैसे देते हैं और 10 में से केवल पांच कुत्ते ही स्थानांतरित किए जाते हैं.  बचे हुए कुत्ते कहां जाते हैं इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती.

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स्थानांतरित कुत्तों को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में छोड़ दिया जाता है. एनेकल पुलिस ने हरीश एम, सहायक संपत्ति प्रबंधक और वीबीएचवी एसोसिएशन के खिलाफ क्रूरता निवारण अधिनियम, आईपीसी की धारा 429 (मवेशियों की हत्या या मवेशियों को मारना) सहित अन्य प्रासंगिक आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. एसोसिएशन के सदस्यों को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.  बता दें कि व्यापारियों को कुत्ते के मांस की आपूर्ति किए जाने की खबरें पहले भी आ चुकी हैं.


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