बंगाल कोयला तस्करी मामला: ईडी ने तृणमूल विधायक, मंत्री को शुक्रवार को तलब किया
Trinamool Congress (Photo Credit : Twitter)

कोलकाता, 14 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में कोयला तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल के एक हाई-प्रोफाइल मंत्री और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक को तलब किया है.दोनों को शुक्रवार को ईडी के नई दिल्ली कार्यालय में मौजूद रहने को कहा गया है. ईडी ने जिन दो नेताओं को इस सिलसिले में तलब किया है, उनमें राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बागमुंडी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुशांतो महतो हैं. हालांकि यह पहली बार है कि महतो को ईडी ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा है. यह चौथी बार है जब घटक को इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया है.

ईडी के सूत्रों ने कहा कि यह आखिरी समन है जो वे घटक को भेज रहे हैं और अगर वह इस बार भी समन को टालते हैं, तो एजेंसी के अधिकारी उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे. ईडी के सूत्रों ने कहा कि वे महतो और घटक के बयान दर्ज करना चाहते हैं. ईडी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर करने से इनकार करते हुए कहा, "घटक काफी समय से हमारे रडार पर हैं, लेकिन हाल ही में पूछताछ के दौरान महतो का नाम सामने आया." यह भी पढ़ें : ईडी ने फोन टैपिंग मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्णन को गिरफ्तार किया

ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोयला तस्करी घोटाले में समानांतर जांच कर रहे हैं, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अनुमानित वित्तीय भागीदारी लगभग 1,300 करोड़ रुपये है. बुधवार की देर शाम ही सीबीआई ने इस सिलसिले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के एक सेवारत महाप्रबंधक समेत सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. कुछ पूर्व महाप्रबंधकों और ईसीएल के एक वर्तमान प्रबंधक को भी गिरफ्तार किया गया था. उन्हें गुरुवार को पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल की निचली अदालत में पेश किया जा रहा है.

केंद्रीय अधिकारी इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी से पहले ही पूछताछ कर चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष के अनुसार, 2021 के विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल के लोगों द्वारा भाजपा को खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक रूप से दिवालिया केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर इस्तेमाल किया जा रहा है.