मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से आने वाली आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी तैयारी कर ली है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा करते हुए सभी बैंकों और ऋण (Loan) देने वाली संस्थाओं को ब्याज पर तीन महीने की मोहलत देने की सिफारिश की है. यानि कि तीन महीने तक लोन की ईएमआई (EMI) भरने से राहत मिलेगी. इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती की, जबकि रिवर्स रेपो रेट भी 0.90 प्रतिशत घटाया.
देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन महीने तक के टर्म लोन पर ब्याज स्थगन की घोषणा की. इसके तहत सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटे वित्त बैंक और स्थानीय क्षेत्र के बैंक), सहकारी बैंक, सभी भारतीय वित्तीय संस्थान और NBFC (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो-फाइनेंस संस्थान सहित) और सभी कर्ज देने वाली संस्थाएं 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी ऋणों के संबंध में किश्तों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत दे सकती है. कोरोना संकट: रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की, रिवर्स रेपो रेट भी घटाया
All commercial banks including regional rural banks, cooperative banks,NBFCs (including housing finance companies)&lending institutions are being permitted to allow a moratorium of 3 months on payment of installments in respect of all term loans outstanding as on March 1: RBI Guv pic.twitter.com/L6xl2lpu1w
— ANI (@ANI) March 27, 2020
रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए बनाए गए अपने चार-सूत्रीय योजना के तहत यह फैसला लिया है. हालांकि आरबीआई ने ऋण धारकों को तीन महीने की राहत देने का अंतिम निर्णय बैंकों पर ही छोड़ा है. अगर बैंक किसी भी लोन लेने वाले शख्स या संस्थान को तीन महीने की मोहलत देती है तो उसे अगले तीन महीनों के लिए समान मासिक किस्तों (ईएमआई) नहीं भरनी पड़ेगी. यहां क्लिक कर पढ़ें आरबीआई का पूरा आदेश.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा “भारतीय बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है. हाल के दिनों में शेयर बाज़ार में कोरोना वायरस से संबंधित अस्थिरता ने बैंकों के शेयर की कीमतों को प्रभावित किया, जिसका नतीजा ये हुआ कि लोगों ने घबराकर कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों से जमा राशि निकाल ली.” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के कारण इस बात की काफी संभावना है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को मंदी का सामना करना पड़े.