बाबरी विध्वंस की 26वीं बरसी: अभेद्य किले में तब्दील हुई राम की नगरी अयोध्या, चप्पे-चप्पे पर पुलिस, UP में हाई अलर्ट
अयोध्या के मकानों की छत पर भी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. ताकि हर पल शहर पर पैनी नजर बनी रहे. वहीं शहर में ऐसे कार्यक्रम पर बैन है जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. इस दौरान क्षेत्र में पुलिस टीम ने सघन चेकिंग और तलाशी अभियान चला रही है
अयोध्या में विवादित बाबरी विध्वंस गिराए (Babri Masjid Demolition) जाने की आज 26वीं बरसी है. जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कई अहम ठिकानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 6 दिसंबर को लेकर संगठनों ने इस दिन को शौर्य दिवस तो कई ने इस दिन को काला दिवस मनाने की घोषणा की है. जिसके मद्दे नजर कोई अनहोनी न हो इसलिए चप्पे चप्पे पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है. अगर अयोध्या (Ayodhya ) की बात करें तो 6 कंपनी पीएसी, 2 कंपनी आरएएफ के साथ 4 एडिशनल एसपी, 10 डिप्टी एसपी, 10 इंस्पेक्टर, 150 सब इंस्पेक्टर और 500 सिपाहियों की तैनाती की जा रही है.
इसके साथ ही अयोध्या के मकानों की छत पर भी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. ताकि हर पल शहर पर पैनी नजर बनी रहे. वहीं शहर में ऐसे कार्यक्रम पर बैन है जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. इस दौरान क्षेत्र में पुलिस टीम ने सघन चेकिंग और तलाशी अभियान चला रही है. वहीं मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ईदगाह परिसर की सुरक्षा को लेकर पूरे तंत्र को चाक-चौबंद रहने के लिए कहा गया है.
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बता दें कि यह मामला दशकों से चला आ रहा है. इतना बड़ा विवाद अब तक के इतिहास में देखने को नहीं मिला है.6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने गिरा दिया था. इसी दिन कार्यसेवकों ने महज 17 से 18 मिनट के अंदर ही बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को ढाह दिया था. साल 1991 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी और (Kalyan Singh)कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने. 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई.
जहां पर विहिप इसे शौर्य दिवस के तौर मानाने की बात करता है तो कुछ मुस्लिम संगठन यौमे गम के रूप में मनानें की बात करते हैं. इन दोनों के कारण कोई खलल न आये यह प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. वहीं बता दें कि 2019 लोकसभा चुनावों से पहले संघ जल्द केंद्र सरकार पर कोई एक्शन लेने के लिए दवाब बना रही है. जिसके बाद बाद एक बार फिर गरमाया हुआ है.