Baba Siddique Murder Case: Y-कैटेगरी की सिक्योरिटी के बावजूद बाबा सिद्दीकी की हत्या, लॉरेंस गैंग ने मारी गोली?

Mumbai: मुंबई के बांद्रा (Bandra) इलाके में विजयादशमी की रात गोलियों की आवाज ने त्योहार की खुशियां मातम में बदल दीं. एनसीपी नेता और तीन बार विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे के दफ्तर के बाहर तीन अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या (Baba Siddique Shot Dead) कर दी. इस घटना से शहर में राजनीतिक हलचल मच गई और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान करनैल सिंह, जो हरियाणा का रहने वाला है, और धर्मराज कश्यप, जो उत्तर प्रदेश से है, के रूप में हुई है. सूत्रों के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपी घटनास्थल पर पहुंचे और कुछ समय तक उनका इंतजार किया. पुलिस को संदेह है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से अंदरूनी जानकारी मिल रही थी, जो उन्हें मार्गदर्शन दे रहा था. फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि हमले से जुड़े सभी पहलुओं को उजागर किया जा सके.

घटना का पूरा विवरण 

रात 9:15 से 9:20 के बीच जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर से बाहर निकले, उसी वक्त पटाखों की आवाज के बीच तीन हमलावर गाड़ी से उतरकर उन पर 6 राउंड फायरिंग कर दी. तीन गोलियां लगने से सिद्दीकी मौके पर ही गिर पड़े. उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

25 दिनों से इलाके की रेकी कर रहे थे आरोपी

मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली बड़ी जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे.

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां 

घटना की सूचना मिलते ही मुंबई पुलिस मौके पर पहुंची और दो हमलावरों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक यूपी और दूसरा हरियाणा का बताया जा रहा है. तीसरा हमलावर अभी फरार है. हत्या में सुपारी किलिंग की आशंका जताई जा रही है, और पुलिस हत्या के पीछे के कारणों की जांच में जुटी है.

संपत्ति विवाद और राजनीतिक साजिश का संदेह 

सूत्रों के अनुसार, स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) से जुड़े विवाद और सिद्दीकी द्वारा इसके विरोध को इस हत्या का कारण माना जा रहा है. 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 462 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर दिया था. इसी साल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल होने के बाद से सिद्दीकी को वाई-श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई थी.

राजनीतिक हलचल और सरकार पर सवाल

इस हत्या से महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. विपक्ष ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था में विफलता का आरोप लगाया है. शरद पवार, विजय वडेट्टीवार, और अनिल देशमुख ने इस घटना के लिए एकनाथ शिंदे की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. विपक्ष का कहना है कि Y-श्रेणी की सुरक्षा के बावजूद इस तरह की हत्या बेहद गंभीर मामला है.

चुनाव से पहले बढ़ा संकट

इस हत्या के बाद एनसीपी और कांग्रेस नेताओं ने शोक व्यक्त किया और महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई. चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, यह राजनीतिक हत्या सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है. अब पुलिस पर इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने का दबाव बढ़ गया है.

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल मुंबई में सनसनी फैला दी है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विधानसभा चुनाव से पहले यह घटना राजनीतिक विवाद को और गहरा सकती है, और अब सभी की निगाहें इस केस के खुलासे पर टिकी हैं.