Baba Siddique Murder: तीन महीने पहले रची गई थी बाबा सिद्दीकी के मर्डर की साजिश, शूटर्स ने किया स्नैपचैट और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल
Baba Siddique (img: ANI)

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई और राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. मुंबई पुलिस की तेज जांच और आरोपी की गिरफ्तारी से मामले में कई राज सामने आ रहे हैं. बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. मुंबई पुलिस ने बताया कि सिद्दीकी की हत्या की साजिश तीन महीने पहले ही रच ली गई थी. इस साजिश की योजना पुणे में बनाई गई थी, जहां से अपराधियों ने बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की कई बार रेकी की थी. पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है, जिससे इस साजिश की परतें और खुल सकती हैं.

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कैसे रची गई साजिश?

12 अक्टूबर, शनिवार की रात, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर से लौट रहे थे, तब उन पर बांद्रा पूर्व इलाके में हमला किया गया. हमलावरों ने पहले से ही उस इलाके की रेकी कर रखी थी, लेकिन बिना हथियार के. मुंबई पुलिस के अनुसार, इस साजिश को अंजाम देने के लिए स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया. स्नैपचैट पर बातचीत की गई, जबकि कॉल करने के लिए इंस्टाग्राम का उपयोग किया गया.

इस हत्या की साजिश में शामिल चौथे आरोपी हरिश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वह इस साजिश में ‘मध्यस्थ’ की भूमिका निभा रहा था. पुलिस के मुताबिक, हरिश ने शूटरों को पैसा और मोबाइल फोन उपलब्ध कराए थे. आरोपी प्रवीण लोंकर, जो कि फरार आरोपी शुभम लोंकर का भाई है, ने शूटरों गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप को 2 लाख रुपये दिए थे. यह पैसा हरिश के जरिए शूटरों तक पहुंचाया गया था.

शूटरों ने कैसे सीखा हथियार चलाना?

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि शूटरों ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीखी. वे मुंबई में बिना मैगज़ीन के ही अभ्यास किया करते थे. मुंबई पुलिस ने अब तक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं.

क्या मिला पुलिस को?

मुंबई पुलिस ने घटना से जुड़े एक काले रंग के बैग को बरामद किया है, जिसमें से 7.62 एमएम की एक बंदूक मिली है. पुलिस के अनुसार, शूटरों को बाबा सिद्दीकी की तस्वीर और बैनर फोटो दी गई थी, ताकि वे उन्हें पहचान सकें. इसके बाद 25 दिन पहले उनके घर और दफ्तर की रेकी की गई थी.

गवाहों के बयान और पुलिस की जांच

मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक 15 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें कई चश्मदीद गवाह भी शामिल हैं, जो वारदात के समय मौके पर मौजूद थे. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि हरिश पिछले 9 साल से पुणे में रह रहा था और वहीं से पूरी साजिश को अंजाम देने में मदद कर रहा था.