Ayodhya Ram mandir: इस समय देश भर में राम मंदिर उद्घाटन समारोह और रामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं. इस दिव्य समारोह को लेकर जहां विपक्ष आक्रामक है, वह भाजपा पर आरोप लगा रही है कि मार्च-अप्रैल 2024 के संभावित लोकसभा चुनाव का लाभ उठाने के लिए भाजपा आधी-अधूरी मंदिर का उद्घाटन कर रही है, वहीं तमाम विरोधों के बावजूद राम मंदिर उद्घाटन किंचित प्रभावित नहीं हो रहा है. इस अवसर पर तमाम विदेशी मेहमानों के अलावा प्रसिद्ध उद्योगपति, संत-महात्माओं, साहित्यकारों एवं तमाम फिल्मी हस्तियों के उपस्थित खबर है, अयोध्या के साथ-साथ लखनऊ के भी अधिकांश होटल काफी पहले बुक हो चुके हैं, लेकिन एक प्रश्न सबके मन में है कि 22 जनवरी 2024 को ही रामलला प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा क्यों की जा रही है? आइये जाने इस संदर्भ में आचार्य संजय शुक्ला क्या कहते हैं.
आचार्य संजय शुक्ला के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए 17 से 25 जनवरी 2024 में से किसी एक तारीख चुनी जानी थी. ग्रह-नक्षत्रों की गतिविधियों को आंकने के बाद रामलाल की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा का समय 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 08 सेकेंड का समय का शुभ मुहूर्त निकाला गया है. आचार्य के अनुसार यह तिथि शुभ अभिजीत मुहूर्त से मेल खाती है. अभिजीत मुहूर्त हिंदू धर्म कथाओं में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. एक पौराणिक कथा के अनुसार इस मुहूर्त में भगवान शिव ने महाबलशाली राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. यह मुहूर्त किसी के भी जीवन से तमाम तरह की नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में कारगर माना जाता है. यह तिथि अग्नि बाण, मृत्यु बाण, चोर बाण, नृप बाण और रोग बाण आदि से मुक्त है. यह भी पढ़े: Ram Mandir Inauguration: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सकुशल व्यवस्था के लिए दूसरे जनपदों से भी बुलाए गए अधिकारी
आचार्य जी के अनुसार 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी) और भी कई योगों एवं नक्षत्रों से खास है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे शुभ योग भी निर्मित हो रहे हैं, साथ ही इसी दिन मृगशिरा नक्षत्र भी लग रहा है, मृगशिरा नक्षत्र 03.52 AM (22 जनवरी 2024) से 04.58 AM तक रहेगा. वस्तुतः मृगशिरा नक्षत्र सोम देवता से संबद्ध होता है, जिसे अमरता के देवता के रूप में भी जाना जाता है. हिरण द्वारा सूचित, यह ज्ञान और अनुभव की खोज का प्रतीक है. मंगल ग्रह द्वारा शासित मृगशिरा अपनी निरंतर गतिशीलता के लिए जाना जाता है. इसे विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों के लिए बहुत भाग्यशाली माना जाता है.