दिल्ली में 18% बढ़ा ऑटो किराया किराया, अब हर एक किलोमीटर पर देने होंगे इतने रुपए
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आटो रिक्शा चालक मीटर में जरूरी बदलाव कर संशोधित दर ले सकेंगे. इसमें दिल्ली में पंजीकृत 90,000 आटो के मीटरों में जरूरी बदलाव के लिये करीब 1.5 महीना का समय लगेगा. संशोधित दरों के तहत पहले 1.5 किलोमीटर के लिये 25 रुपये लगेंगे. फिलहाल पहले 2 किलोमीटर के लिए 25 रुपये लगते हैं. अधिसूचना में पहली बार प्रतीक्षा शुल्क 0.75 रुपया प्रति मिनट लगाये जाने की बात कही गयी है. वहां सामान शुल्क 7.50 रुपये होगा. संशोधित किराये को लेकर अधिसूचना परिवहन विभाग द्वारा राज्य परिवहन प्राधिकरण को भेज दिया गया है. अधिकारियों के यह कहे जाने पर कि अधिसूचना के लिये लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी की जरूरी है, अधिसूचना के मुद्दे पर देरी
नई दिल्ली: दिल्ली की आप सरकार ने आटो किराया में वृद्धि को लेकर अधिसूचना जारी की. इससे मौजूदा किराये दरों में 18.75 प्रतिशत वृद्धि होगी. अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा सुनाव से पहले यह कदम उठाया गया है. इस कदम से राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाले 90,000 आटो रिक्शा मालिकों और चालकों को लाभ होगा. आम आदमी पार्टी (आप) को आगे बढ़ाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपना प्रमुख वादा पूरा किया. परिवहन विभाग ने आटो रिक्शा किराया संशोधन को अधिसूचित कर दिया है. संशोधन के बाद भी दिल्ली में आटो किराया अन्य महानगरों की तुलना में कम होगा.
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आटो रिक्शा चालक मीटर में जरूरी बदलाव कर संशोधित दर ले सकेंगे. इसमें दिल्ली में पंजीकृत 90,000 आटो के मीटरों में जरूरी बदलाव के लिये करीब 1.5 महीना का समय लगेगा. संशोधित दरों के तहत पहले 1.5 किलोमीटर के लिये 25 रुपये लगेंगे. फिलहाल पहले 2 किलोमीटर के लिए 25 रुपये लगते हैं. प्रति किलोमीटर शुल्क मौजूदा 8 रुपये से बढ़ाकर 9.5 रुपये कर दिया गया है. यह करीब 18.75 प्रतिशत वृद्धि को बताता है.
अधिसूचना में पहली बार प्रतीक्षा शुल्क 0.75 रुपया प्रति मिनट लगाये जाने की बात कही गयी है. वहां सामान शुल्क 7.50 रुपये होगा. संशोधित किराये को लेकर अधिसूचना परिवहन विभाग द्वारा राज्य परिवहन प्राधिकरण को भेज दिया गया है. अधिकारियों के यह कहे जाने पर कि अधिसूचना के लिये लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी की जरूरी है, अधिसूचना के मुद्दे पर देरी हुई.