गांधीनगर: गुजरात के साबरकांठा में 14 महीने की मासूम बच्ची से दरिंगदी मामले की आग पूरे गुजरात में फैल चुकी है. पिछले कई दिनों से गुजरात में रहने वाले उत्तर भारतीयों पर हमले हो रहे हैं और यूपी-बिहार के लोगों का पलायन लगातार जारी है. हाल ही में गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने यह दावा किया था कि अब गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले की कोई घटना नहीं हो रही है, लेकिन उनका यह दावा तब गलत साबित हो गया जब मंगलवार को सूरत और वडोदरा से उत्तर भारतीयों के साथ हिंसा के मामले सामने आए. दरअसल, वड़ोदरा में उत्तर भारतीयों से भरी ट्रेन पर हमले की घटना सामने आई है. बताया जाता है कि ट्रेन की 6 बोगियो में जमकर तोड़फोड़ की गई है. वड़ोदरा में हुई इस हिंसा में अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उधर, मंगलवार को ही सूरत और अहमदाबाद समेत कई औद्योगिक क्षेत्रों से भारी तादात में यूपी-बिहार के लोग पलायन करते नजर आए. हालांकि इस बीच पुलिस ने सूरत से 6 गाड़ियों को जब्त करते हुए एक व्यक्ति को हिरासत में लिया. गुजरात में रह रहे लोगों में खौफ इस कदर घर कर गया है कि वो अपनी तनख्वाह लिए बगैर ही पलायन कर रहे हैं. इस तरह से यूपी-बिहार के लोगों का गुजरात से पलायन वहां के व्यवसाय के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है.
बता दें कि गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हो रहे हमले के मामले में अब तक कुल 68 एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जबकि इस मामले में 500 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और इस पर सियासत भी गर्मा गई है. एक ओर जहां कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां इसके लिए पीएम मोदी को निशाने पर ले रही हैं, तो वहीं बीजेपी इन घटनाओं के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है. उधर, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मंगलवार को उत्तर भारतीयों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए ये कहा कि ये राज्य सभी के लिए है.
बता दें कि अहमदाबाद के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 महीने की मासूम बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था और रेप के आरोप में बिहार के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था. बच्ची से दरिंदगी की घटना के बाद से ही गैर-गुजरातियों के खिलाफ पूरे गुजरात में हिंसा की आग भड़क उठी.