'चीन द्वारा बंदरगाह खोले जाने के बाद श्रीलंका में बढ़ा तमिल मछुआरों पर हमला'
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

चेन्नई, 2 जनवरी : मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के महासचिव और सांसद वाइको ने दावा किया है कि जब से चीन ने द्वीप राष्ट्र में बंदरगाह खोला है, तब से श्रीलंका में तमिलनाडु के भारतीय मछुआरों पर हमले बढ़ गए हैं. एक बयान में, वाइको ने कहा है कि तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा मामूली आरोपों में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है और भारत सरकार से इस मुद्दे को जल्द से जल्द समाधान खोजने के लिए राजनयिक स्तर पर लेने का आह्वान किया है.

एमडीएमके के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 12 जनवरी को 11 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने और पोंगल समारोह में भाग लेने का विरोध नहीं करेगी. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने नीट के संबंध में बोलने के लिए तमिलनाडु के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से 'इनकार' किया था और कहा कि "यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं था." वाइको, (जिनकी पार्टी राज्य में द्रमुक के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन की गठबंधन सहयोगी ) ने यह भी कहा कि वह विदुथलाई चिरुथाईगल काची (वीसीके) नेता थोल थिरुमावलवन के बयान से पूरी तरह सहमत हैं कि स्टालिन को अगले लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा के खिलाफ विपक्षी नेताओं की पहल करनी चाहिए. यह भी पढ़ें : केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के संसद भवन में आग लगी

वाइको ने कहा है कि राज्य के लोगों की जरूरतों और मांगों के लिए द्रमुक सरकार साहसपूर्वक केंद्र सरकार से मुकाबला कर रही है. उन्होंने कहा है कि राज्य में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक अच्छा ब्रेन पूल है और उन्होंने केंद्र से मेडिकल स्कूलों में प्रवेश के लिए नीट के संबंध में तमिलनाडु के लोगों की मांगों को सुनने का आग्रह किया है. एमडीएमके महासचिव ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा में लोकतंत्र और संसद के लिए बहुत कम सम्मान है.