नई दिल्ली: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज अनंत यात्रा पर चले गए. अटल जी का अंतिम संस्कार यमुना नदी किनारे स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया. इस दौरान देश-विदेश के तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी के निधन से जुड़ी एक ऐसी अनसुनी सच्चाई है जो कि शायद ही किसी को पता है.
पद्मभूषण और महाकवि गोपालदास सक्सेना 'नीरज' का हाल ही में देहांत हुआ. वह अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत ही खास मित्र थे. बताया जाता है नीरज ना केवल महाकवि थे बल्कि कुशल ज्योतिषाचार्य भी थे जो बेहद सटीक भविष्यवाणियां किया करते थे. अटल जी और गोपाल दास नीरज ने कानपुर के एक ही कॉलेज से पढ़ाई की थी. और यही से दोनों विद्वानों की दोस्ती प्रगाढ़ हुई. एक बार नीरज ने कहा था कि मेरे और अटलजी के निधन के बीच 30 दिनों से ज्यादा का अंतर नहीं रहेगा. नीरज की यह भविष्यवाणी सही साबित हुई.
महाकवि गोपालदास नीरज और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं रहे. इसी साल 19 जुलाई को नीरज का निधन हुआ और ठीक 29 दिन बाद भारत के लोकप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी का भी निधन हो गया. भारत रत्न वाजपेयी ने गुरुवार शाम इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 93 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली.
इसी साल जब 11 जून को अटल बिहारी वाजपेयी को एम्स में भर्ती कराया गया था तो महाकवि बेहद दुखी हुए थे. गोपालदास नीरज ने भावुक होकर कहा था कि ‘अटल जी, अटल रहें लेकर दृढ विश्वास’. महाकवि ने अटल जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी.
महाकवि नीरज और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1946 में कानपुर के डीएवी डिग्री कॉलेज में साथ रहे थे. अटल वहां से वकालत की पढ़ाई कर रहे थे. नीरज हॉस्टल में रहते थे. अटल जी एक सफल नेता से पहले कवि थे. ग्वालियर, आगरा, अजमेर, दिल्ली में हुए कवि सम्मेलनों में कई बार दोनों साथ-साथ शामिल हुए. पंचतत्व में विलीन हुआ भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर, अब बस यादों में रहेंगे 'अटल'