लोकसभा चुनाव 2019: क्या फिर बीजेपी का सहारा बनेंगे श्री राम
राम मंदिर क्या फिर बनेगा चुनावी मुद्दा

मध्यप्रदेश  (Madhya Pradesh Assembly), राजस्थान, छतीसगढ़ विधासभा चुनाव में बीजेपी को जो हुआ उसने पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के माथे पर बल ला दिया है. एक दौर था जब इन जगहों पर कमल खिला हुआ था. मोदी लहर की हवा इतनी तेज थी कि कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता चला गया. लेकिन इस बार के परिणाम स्पष्ट कर दिया की अब दौर बदल रहा है. लेकिन कुछ ही महीनों बाद लोकसभा चुनाव होने वाला है, ऐसे में बीजेपी (BJP ) केंद्र में सरकार बना पाने में कामयाब रहेगी. या फिर जो बदलाव विधानसभा में देखने को मिला उसका असर यहां भी होगा. या फिर से बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को लेकर हिन्दू वोट बैंक को मजूबत कर कुर्सी पर जीत हासिल कर लेगी.

एक नजर विधानसभा चुनाव के आंकड़ो पर- पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नाको चना चबाना पड़ा लेकिन फिर भी जीत नहीं मिल पाई. राजस्थान में जहां बीजेपी 80, मध्यप्रदेश में 104 और छत्तीसगढ़ में 25 सीटों पर सिमट गई. उससे साफ पता चलता है कि अब लोकसभा चुनाव की राह आसन नहीं होगी. ऐसे में मात्र एक विकल्प बचता है कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी फिर से हिन्दू वोटरों को अपनी तरफ खीचनें की कवायद करने में जुट जाए.

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धर्म-सभा से साधू और संत बना रहे हैं दबाव

गौरतलब हो कि राम मंदिर को लेकर सरकार पर संत दबाव बना रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही राजधानी के रामलीला मैदान में आयोजित धर्म सभा में देश भर से यहां हजारों की तादाद में पहुंचे संतों, भागवान राम के अनुयायियों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से कानून बनाने की मांग की थी.

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केंद्र सरकार को चेतावनी

बता दें कि मोदी सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद महाराज ने कहा था कि हम किसी की चापलूसी नहीं करते. अगर मंदिर नहीं बना तो राम भक्त चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी पर यह आरोप लगता है कि वह चुनाव के दौरान ही राम मंदिर का मुद्दा उठाती है, तो दूसरे दलों को मंदिर निर्माण में सहयोग कर इस मुद्दे को ही समाप्त कर देना चाहिए.

फिलहाल पांच राज्यों के विधासभा परिणाम ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है. जिसके बाद बीजेपी के लिए राह अब उतनी आसान नहीं है. ऐसे में अगर बीजेपी एक बार फिर राम मंदिर के मुद्दे को लेकर जतना के बीच जाती है तो कोई हैरत की बात नहीं होगी.