Assam Floods: 6.71 लाख लोग प्रभावित, जलमग्न काजीरंगा से जान बचाने पहाड़ियों पर जा रहे जानवर; 2-3 दिनों तक भारी बारिश का अनुमान

इस बारिश में डिब्रूगढ़ जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां ऊपरी असम का प्रमुख शहर लगातार छठे दिन जलमग्न है.

Assam Flood | PTI

गुवाहाटी: असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है और इस साल राज्य में आई दूसरी बाढ़ में 20 जिलों के 6.71 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. भारतीय वायु सेना (IAF) ने बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाई और गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले में फंसे 13 मछुआरों को बचाया. ब्रह्मपुत्र सहित कम से कम 13 प्रमुख नदियों के विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बहने से स्थिति और खराब हो गई है. एक आधिकारिक बुलेटिन ने कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे संकट और बढ़ गया है. Assam Flood: असम में बाढ़ से काजीरंगा के करीब 26 प्रतिशत वन शिविर जलमग्न.

अब तक, कामरूप, गोलाघाट, माजुली, लखीमपुर, करीमगंज, कछार, धेमाजी, मोरीगांव, उदलगुरी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, नागांव, शिवसागर, दरांग, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर, बिस्वनाथ और जोरहाट जिलों में कुल 6,44,128 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. एएसडीएमए बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि ब्रह्मपुत्र और बराक घाटियों सहित 14 जिलों में 2,70,628 लोग गंभीर रूप से प्रभावित हैं.

असम में बाढ़ से स्थिति गंभीर

डिब्रूगढ़ सबसे अधिक प्रभावित

इस बारिश में डिब्रूगढ़ जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां ऊपरी असम का प्रमुख शहर लगातार छठे दिन जलमग्न है. एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि 20 जिलों - बिश्वनाथ, कछार, चराईदेव, दरांग, चिरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, शिवसागर, सोनितपुर, मोरीगांव, नागांव, माजुली, करीमगंज, तामुलपुर, तिनसुकिया और नलबाड़ी के 67 राजस्व क्षेत्रों में 6,71,167 लोग बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं.

पिछले 24 घंटों में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि के साथ, इस साल की बाढ़, तूफान और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट (जोरहाट), तेजपुर (सोनितपुर), गुवाहाटी (कामरूप) और धुबरी (धुबरी) में लाल निशान से ऊपर बह रही है.

काजीरंगा नेशनल पार्क जलमग्न

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जो एक सींग वाले गैंडों की आबादी के लिए जाना जाता है, पर बहुत बुरा असर पड़ा है. करीब 95 वन चौकियाँ जलमग्न हो गई हैं, जिससे लुप्तप्राय प्रजातियों सहित वन्यजीवों को सुरक्षा की तलाश में पास की पहाड़ियों पर पलायन करना पड़ रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और बड़ी संख्या में जानवर ऊंचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-715 पार कर पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं.

बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो से तीन दिनों तक भारी वर्षा का अनुमान जताया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की चिंता बढ़ गई है.

सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से सतर्क रहने तथा अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है, ताकि हताहतों तथा अन्य क्षति के जोखिम को न्यूनतम किया जा सके.

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