Delhi's New CM: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और आम आदमी पार्टी (AAP) ने आतिशी को नई मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद, आतिशी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया और LG से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की मांग की है.
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा पहले ही कर दी थी और उन्होंने कहा था कि वह "जनता की अदालत" में वापस जाएंगे. केजरीवाल के खिलाफ कई आरोप लगे, जिनमें बीजेपी द्वारा उन पर लगाए गए "फर्जी आरोपों" का जिक्र किया गया. उन्होंने कहा कि इन आरोपों की वजह से उन पर राजनीतिक और कानूनी दबाव बढ़ गया था, जिसके चलते उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया.
AAP के नेताओं ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल पर विभिन्न जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण वह छह महीने तक जेल में भी रहे. पार्टी का दावा है कि बीजेपी ने केजरीवाल को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली के लोग उनके साथ खड़े हैं.
आतिशी का नेतृत्व: AAP की नई दिशा
आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में आतिशी को सर्वसम्मति से दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना गया. आतिशी, जो दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बन चुकी हैं अब दिल्ली का नेतृत्व संभालेंगी. आतिशी ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों की जीत है और उन्होंने इस मौके पर बीजेपी पर भी निशाना साधा. आतिशी का यह भी कहना है कि दिल्ली के लोगों ने यह प्रण लिया है कि वह केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाएंगे.
उनका कहना था, "बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर फर्जी आरोप लगाए, लेकिन केजरीवाल ने देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए इस्तीफा दिया." उन्होंने आगे कहा, "अरविंद जी की जगह कोई और होता तो सीएम की कुर्सी छोड़ने के बजाय सत्ता पर बैठा रहता, लेकिन केजरीवाल जी ने जनता का सम्मान करते हुए यह कदम उठाया है."
आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे से दुखी है, लेकिन साथ ही यह भी मानती है कि वह जल्द ही वापस आएंगे. पार्टी का यह भी कहना है कि दिल्ली के लोग केजरीवाल को दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और उनके समर्थन में खड़े हैं.
आतिशी की चुनौतियां
आतिशी को अब दिल्ली का नया नेतृत्व संभालने का मौका मिला है, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां होंगी. सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली के मौजूदा राजनीतिक और प्रशासनिक संकट से निपटना होगी. इसके अलावा, उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वह केजरीवाल के बाद पार्टी को उसी दिशा में आगे ले जा सकती हैं, जिस दिशा में केजरीवाल ने पार्टी को पहुंचाया है.
आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. बीजेपी और AAP के बीच का संघर्ष आने वाले दिनों में और भी गहरा सकता है. इस समय सभी की निगाहें दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के प्रदर्शन पर टिकी हैं.