Arvind Kejriwal on PM Modi: केजरीवाल ने नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, उनकी योग्यता पर उठाए सवाल
सीएम केजरीवाल ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पीएम मोदी शिक्षित होते, तो नोटबंदी नहीं करते और तान कृषि कानून भी नहीं लाते जो उन्हें अंतत निरस्त करना पड़ा.
गुवाहाटी, 2 अप्रैल: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता पर कटाक्ष करते हुए 2016 में नोटबंदी के लिए उनकी आलोचना की, जिसमें 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. सीएम केजरीवाल ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पीएम मोदी शिक्षित होते, तो नोटबंदी नहीं करते और तान कृषि कानून भी नहीं लाते जो उन्हें अंतत निरस्त करना पड़ा. यह भी पढ़ें: अधिकारी सुनिश्चित करें कि किसानों को बैसाखी से पहले फसल नुकसान का मुआवजा मिल जाए: CM भगवंत मान
उन्होंने कहा, "किसी ने प्रधानमंत्री को यह सलाह देकर बेवकूफ बनाया कि नोटबंदी हो गई तो भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. इसके अलावा आतंकवाद भी खत्म हो जाएगा. प्रधानमंत्री अगर शिक्षित होते तो नोटबंदी नहीं करते. नोटबंदी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था कम से कम 10 साल पीछे चली गई है." उन्होंने कहा, "आपने नोटबंदी के बाद बैंकों के आगे लोगों की लंबी कतारें देखी थीं. इस एक गलती के कारण हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं और कई व्यावसायिक उद्यमों को बंद करना पड़ा। क्या नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार या आतंकवाद खत्म हो गया?"
उन्होंने कहा, "मैंने कई कार्यक्रमों में सुना है, पीएम मोदी ने खुद कहा कि वह सिर्फ स्कूल जाते थे." आप नेता केजरीवाल ने विवादित कृषि कानूनों को लेकर भी पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "एक साल तक लगातार आंदोलन और 700 से अधिक किसानों की मौत के बाद प्रधानमंत्री ने विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया. उन्होंने इतना लंबा समय लिया, क्योंकि उन्हें गलत सलाह देकर मूर्ख बनाया गया था."
केजरीवाल ने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठने के लिए व्यक्ति के पास पर्याप्त शिक्षा होनी चाहिए. दिल्ली के सीएम ने गुवाहाटी के हर घर में पीने का पानी पहुंचाने के वादे के लिए भी पीएम मोदी की आलोचना की. केजरीवाल ने आगे कहा, "मैंने सुना है कि 10 साल पहले, पीएम मोदी ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आए तो गुवाहाटी में हर घर को शुद्ध पेयजल देंगे. उन्होंने अपने वादे को पूरा नहीं किया. लेकिन अगर असम के लोग आम आदमी पार्टी को मौका दें तो 1 साल के अंदर असम के हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होने लगेगी."