भारतीय सेना (Indian Army) भारत-चीन सीमा पर अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इसके तहत भारतीय सेना अपने अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार को भारत-चीन बॉर्डर के पास तैनात करने की योजना बना रही है, जिनमें चीन के साथ लगी अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की सीमाओं पर नए M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोप और चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर को तैनात किया जाएगा. कोडनेम 'हिमविजय' के नाम से एक युद्धाभ्यास के तहत अरुणाचल प्रदेश में बनी नई 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर की सैन्य क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा. इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना (IAF) भी शामिल होगी, जो युद्ध जैसे हालातों में ड्रिल की तहत उनकी मदद करेगी.
4 से 6 हफ्ते तक चलने वाली इस बेहद महत्वपूर्ण युद्धाभ्यासमें तीन IBG यानि लगभग 15000 सैनिक हिस्सा लेंगे. इस युद्धाभ्यास में IBG के सरहद तक पहुंचने, मोर्चा लेने और फिर सैनिक अभियान शुरू करने के समय की गणना की जाएगी. युद्धाभ्यास में सेना को कम से कम समय में मोर्चे पर पहुंचाने के लिए सड़क, रेल और वायुसेना का इस्तेमाल किया जाएगा. इस दौरान हिमालय की पहाड़ियों में हाल के वर्षों में तैयार किए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आजमाया जाएगा.
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भारत-चीन सीमा के पास इंडियन आर्मी का युद्धाभ्यास-
Indian Armed Forces are planning to deploy latest American weapons systems including M777 ultra-light howitzers and Chinook heavy-lift helicopters in war games to be carried out in Arunachal Pradesh, close to borders with China.
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— ANI Digital (@ani_digital) September 13, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुतबिक सेना के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया, 'हिमविजय' अभ्यास के दौरान, 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें दी जाएंगी, क्योंकि वे दुश्मन के इलाकों में उनके खिलाफ एक्शन मोड में होंगे और उन्हें हल्की बंदूकों की आवश्यकता भी होगी. हाल ही में भारतीय सेना में शामिल खतरनाक अमेरिकी हथियार चिनूक हेलिकॉप्टर भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होगा. चिनूक हेलिकॉप्टरों को 25 मार्च 2019 को चंडीगढ़ एयरबेस पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.
तैनात होंगे M777 हॉवित्जर और चिनूक हेलीकॉप्टर
चिनूक को अभी तक वायुसेना ने पूर्वोतर की सीमा पर तैनात नहीं किया है, लेकिन आने वाले समय में वायुसेना कभी भी इस इलाके में चिनूक की तैनाती कर सकती है. सेना की पूर्वी कमान पिछले छह महीनों से ऑपरेशन 'हिमविजय' की योजना पर काम कर रही है.
M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर को नासिक के पास देओली में K-9 वज्र और धनुष हॉवित्जर के साथ भारतीय सेना में शामिल किया गया था. M777 हॉवित्जर का उपयोग मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए किया जाता है, क्योंकि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों द्वारा अपने हल्के और क्षमता वाले हवाई जहाजों को चलाने की क्षमता होती है. भारतीय सेना कुल 145 M777 हॉवित्जर को शामिल करने वाली है.
सेना ने अपने संगठन को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए पिछले साल से IBG बनाने शुरू किए थे. IBG एक ब्रिगेड से बड़े लेकिन एक डिवीजन से छोटे होंगे और आधुनिक समय की जरूरत के मुताबिक बहुत कम समय में बड़े सैनिक अभियान करने के लिए तैयार किए जाएंगे. IBG सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत द्वारा शुरू किए गए सेना के पुनर्गठन कार्यक्रम का मुख्य हिस्सा है. IBG में सेना के सभी अंग जैसे टैंक, तोपखाना, इंफेंट्री और जंगी हेलीकॉप्टर एक ही कमान के नीचे काम करेंगे ताकि तालमेल में आसानी रहे. सेना की 9 वीं कोर में 3 IBG, 11वीं कोर में 3 IBG और 17वीं कोर में 3 IBG बनाई जा रही हैं.