नई दिल्ली: आर्मी ईस्टर्न कमांड (Army Eastern Command) ने राष्ट्र की सेवा करनेवाले अपने वास्तविक नायक (Real Hero) को खो दिया है. आर्मी ईस्टर्न कमांड ने अपने डॉग डच (Dutch Dog) के निधन पर शोक जताया है और उसे श्रद्धांजलि अर्पित की है. बता दें कि 9 साल के इस डॉग (9 Years Dutch Dog) का बीते 11 सितंबर को निधन हो गया था. डच डॉग की मौत पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास का केंद्र सरकार में जिम्मा संभाल रहे मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने भी शोक जताया है. बताया जाता है कि यह डच डॉग पूर्वी कमांड की ओर से पदक से सम्मानित डॉग था, जिसने कई सीआई/सीटी ऑपरेशनों में आईईडी (IED) की पहचान करने में खास भूमिका निभाई थी.
राष्ट्र की सेवा करने वाले इस वास्तविक नायक को जवानों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सम्मानपूर्वक विदाई दी है. जवानों ने डच डॉग के पार्थिव शरीर को फूलों से सजाया और उसे सलामी देकर श्रद्धांजलि दी है.
आर्मी ईस्टर्न कमांड ने दी डच डॉग को श्रद्धांजलि-
Army Eastern Command: Condole the death of 'Dutch' a 9 year old dog who died on 11th September. He was a decorated dog of #EasternCommand who was instrumental in identifying IEDs in various operations. A real hero in service to the nation. pic.twitter.com/60aWdJoF1A
— ANI (@ANI) September 14, 2019
बता दें कि आर्मी में शामिल कुत्तों को खास ट्रेनिंग दी जाती है और वो सैनिकों की तरह ही देश की सेवा में अपना अहम योगदान देते हैं. आर्मी में काम करने वाले इन डॉग्स को आर्मी बेस की पूरी जानकारी होती है. इसके अलावा वो अन्य कई गोपनीय जानकारियां भी अपने पास रखते हैं. ऐसे में जब उनकी मौत हो जाती है तो उन्हें सम्मानपूर्वक आखिरी विदाई दी जाती है. यह भी पढ़ें: योग दिवस पर आर्मी डॉग यूनिट की तस्वीरें ट्वीट कर बुरे फंसे राहुल गांधी, सेना का अपमान करने के आरोप में शिकायत दर्ज
बहरहाल, राष्ट्र की सेवा में सैनिकों की तरह अपना योगदान देने वाले इन डॉग्स को तब तक जीवित रखा जाता है, जब तक वो काम करते रहते हैं. अगर कोई डॉग ड्यूटी के दौरान एक महीने से ज्यादा समय तक बीमार रहता है या फिर किसी वजह से वह ड्यूटी नहीं कर पाता है तो उसे जहर देकर मार दिया जाता है, जिसे एनिमल यूथेनेशिया कहा जाता है.