Andhra Pradesh Banni Festival 2020: धारा 144 लागू होने के बावजूद कुरनूल जिले में बन्नी उत्सवम में इकठ्ठा हुए हजारों लोग, 50 घायल

कोरोनावायरस महामारी के कारण धारा 144 लगाने के बावजूद वार्षिक त्योहार बन्नी फेस्टिवल जिसे स्थानीय लोगों द्वारा बन्नी उत्सवम’ के रूप में जाना जाता है. कोविड-19 के कारण पुलिस ने लोगों से आग्रह किया कि इस साल कोई भी त्योहार नहीं मनाएं, जिसके बाद भी आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में यह त्यौहार आयोजित हुआ.

बन्नी उत्सवम के लिए इकठ्ठा हुए हजारों लोग, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

कोरोनावायरस महामारी के कारण धारा 144 लगाने के बावजूद वार्षिक त्योहार बन्नी फेस्टिवल जिसे स्थानीय लोगों द्वारा बन्नी उत्सवम’ के रूप में जाना जाता है. कोविड-19 के कारण पुलिस ने लोगों से आग्रह किया कि इस साल कोई भी त्योहार नहीं मनाएं, जिसके बाद भी आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में यह त्यौहार आयोजित हुआ. इस फेस्टिवल में सोमवार रात देवरगट्टू गांव में हजारों लोग इकट्ठा हुए थे. लोकल मीडिया में आई खबरों के अनुसार, उत्सव में भाग लेने के बाद, लगभग 50 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं. इस फेस्टिवल में भाग लेने के लिए पड़ोसी जिलों के साथ-साथ कर्नाटक के हिस्सों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. यह भी पढ़ें: Sec 144 In Mumbai: शहर में पहले से लागू है धारा 144, कोई नए प्रतिबंध नहीं- मुंबई पुलिस

प्रत्येक वर्ष इस उत्सव को मनाने के लिए हजारों लोग जलती मशालें और लंबे डंडे लेकर गांव में पहुंचते हैं. गाँव में माला मल्लेश्वर स्वामी मंदिर के सम्मान में आयोजित इस उत्सव में डंडे की लड़ाई शामिल होती है, जहाँ प्रतिभागी दो देवताओं को अपने कब्जे में लेने की कोशिश करते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर वे मूर्तियों को अपने कब्जे में लेते हैं, तो इससे उनके गांव में समृद्धि आएगी.

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बता दें कि इस त्योहार के एक दिन पहले जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने उत्सव को रद्द करने की घोषणा की. फक्केरप्पा कागिनेल्ली (Fakkeerappa Kaginelli) ने कहा, "बन्नी उत्सवम रद्द कर दिया गया है. इस साल हम COVID-19 प्रतिबंधों के मद्देनजर त्योहार नहीं मना रहे हैं. पुलिस ने 1,200 से अधिक कर्मियों को तैनात किया, 20 चेकपोस्ट स्थापित किए और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाई, जो पांच से अधिक लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने से रोकती है. जिला अधिकारियों ने त्योहार मनाने के खिलाफ कई जागरूकता अभियान भी चलाए, क्योंकि भीड़ की वजह से कोविड -19 का प्रसार हो सकता है. हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, त्योहार का जश्न मनाने के लिए आस-पास के जिलों और पड़ोसी गांव के लोग भी देवरगट्टू गांव में आधी रात को  इकठ्ठा हुए.

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