लखनऊ, 20 सितंबर: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (Special Task Force) और गोमती नगर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में एक कथित पत्रकार संतोष मिश्रा को 9.72 करोड़ रुपये के पशुपालन घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन और दिनेश दुबे भी घोटाले में आरोपी हैं और वर्तमान में निलंबित चल रहे हैं. घोटाले में गिरफ्तार किया गया मिश्रा 11वां आरोपी है. उसने सचिवालय में पहुंच बनाने के लिए खुद को पत्रकार बताया.
यह मामला इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया से जुड़ा है, जिसे पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर 9.72 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था. उप्र एसटीएफ ने मामले में पहली गिरफ्तारी 14 जून को की थी. बाद में अन्य 10 को गिरफ्तार कर लिया गया और हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई. वर्तमान में मामले की जांच गोमती नगर की सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता श्रीवास्तव कर रही हैं.
श्रीवास्तव के अनुसार, संतोष मिश्रा ने खुद को उप्र के एक न्यूज चैनल का प्रमुख बताया था और मास्टरमाइंड आशीष राय के साथ मिलकर काम कर रहा था. उन्होंने कहा, "मामले में वांछित दो अन्य लोगों को पकड़ने के लिए एक टीम भी दिल्ली भेजी गई है. हम घोटाले में दो और लोगों के एनबीडब्ल्यू (गैर-जमानती वारंट) के लिए आवेदन करने के लिए कोर्ट जाने की भी योजना बना रहे हैं."
एक मुखबिर ने शनिवार को पुलिस को बताया कि मिश्रा लखनऊ भागने की योजना बना रहा है, जिसके बाद एक टीम ने उसकी कार का पीछा किया और उसे दबोच लिया. एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम ने कहा कि मिश्रा 2012 में समाचार कवरेज के लिए सचिवालय का दौरा करता था. एएसपी ने कहा, "वह पहले प्रयागराज के चंद्र शेखर पांडेय से मिला और बाद में मास्टरमाइंड आशीष राय के संपर्क में आया."
उन्होंने आगे कहा, "उसने बताया कि आशीष छोटे कामों (पुलिस और प्रशासन के साथ मामलों की सिफारिश करना) में मदद करता था जिसके बदले वह आशीष के इशारे पर काम करता था." इसके अलावा, मिश्रा ने खुलासा किया कि साल 2017 में आशीष ने समाचार चैनल में संपादक अनिल राय से परिचय कराया. मिश्रा ने स्वीकार किया कि उसने पशुपालन मामले में नाम सामने आने के बाद विभिन्न वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को इंदौर के व्यवसायी से आशीष के 9.72 करोड़ रुपये लेने की सिफारिश की थी.
उसने आगे यह भी स्वीकार किया कि धोखाधड़ी के मामले में नामजद हरिओम यादव से उसने 1.15 करोड़ रुपये लिए थे, जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया. इससे पहले धीरज कुमार देव, रजनीश दीक्षित, ए. के. राजीव, अनिल राय, रूपक राय, उमा शंकर तिवारी, आशीष राय, त्रिपुरेश पांडेय, सचिन और होमगार्ड रघुबीर को मामले में गिरफ्तार किया गया है.