भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, युद्धपोतों पर तैनात होगा 127 mm Medium Caliber Guns
भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है. इस बीच भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. क्योंकि भारत भलीभांति जानता है कि चीन और उसका साथ पाकिस्तान किसी भी वक्त भारत को आंखे तरेर सकते हैं. ऐसे में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत सरकार ने 127 मिमी मीडियम कैलिबर बंदूकों से युद्धपोत को लैस करने का फैसला लिया है. जिसके बाद भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर इन घातक बंदूको को तैनात किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने 11 ऐसे हथियारों को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ चर्चा कर रही है. ये डील 3800 करोड़ रुपये की यह डील अमेरिका के साथ होगी. इसे लेकर भारत ने अमेरिका को पत्र लिखा है.
नई दिल्ली:- भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है. इस बीच भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. क्योंकि भारत भलीभांति जानता है कि चीन और उसका साथ पाकिस्तान किसी भी वक्त भारत को आंखे तरेर सकते हैं. ऐसे में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत सरकार ने 127 मिमी मीडियम कैलिबर बंदूकों से युद्धपोत को लैस करने का फैसला लिया है. जिसके बाद भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर इन घातक बंदूको को तैनात किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने 11 ऐसे हथियारों को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ चर्चा कर रही है. ये डील 3800 करोड़ रुपये की यह डील अमेरिका के साथ होगी. इसे लेकर भारत ने अमेरिका को पत्र लिखा है.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका भारत को 127 मिमी मीडियम कैलिबर बंदूकों को देने के लिए राजी भी हो गया है. इसमें से पहली स्टोक में तीन बंदूकें भारत को अमेरिकन नेवी के भंडार में से दिया जाएगा. अमेरिका से मिलने वाले पहले 127 मिमी मीडियम कैलिबर बंदूकों इंडियन नेवी के युद्धपोत पर जल्दी से जल्दी तैनात किया जाएगा. सुरक्षा के लिहाज से भारत और अमेरिका में इससे पहले भी कई डील हुए हैं. इससे पहले भारत सरकार को अमेरिका ने दो ड्रोन लीज पर दिया है. Indian Coast Guard Recruitment 2021: युवाओं के लिए भारतीय तटरक्षक बल में शामिल होने का सुनहरा मौका, अभी joinindiancoastguard.gov.in पर करें अप्लाई.
गौरतलब हो कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और भारतीय सेना के बीच जून में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गलवान घाटी में आमने-सामने लड़ाई हुई थी. इस गतिरोध हुए जिसमें कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे. जिसके बाद से भारत और चीन आमने-सामने हैं. भारत किसी भी हाल में चीनी सेना को सीमा के अंदर नहीं दाखिल होने देना चाहती है. यही कारण है कि पूर्वी लद्दाख में सेना के 50 हजार सैनिक तैनात है.