श्रीनगर, 13 जुलाई : अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार को 6,415 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ. अब तक 1.28 लाख से अधिक यात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की है. यात्रा के मामलों का प्रबंधन करने वाले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि अब तक 1.28 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने यात्रा की है, जिसे पिछले शुक्रवार को गुफा मंदिर के पास अचानक बाढ़ के कारण दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था. अचानक आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15,000 को सुरक्षित निकाल लिया गया.
यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गो से फिर से शुरू कर दी गई है. आज 6,415 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर आधार शिविर से दो सुरक्षा काफिले में घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा, "इनमें से 2428 बालटाल जा रहे हैं, जबकि 3,987 पहलगाम जा रहे हैं." कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्री या तो छोटे बालटाल मार्ग या लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करते हैं. बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है और वे उसी दिन दर्शन करके आधार शिविर लौट जाते हैं. यह भी पढ़ें : Uttarakhand: भारी बारिश के बाद चमोली जिले में विभिन्न स्थानों पर लैंडस्लाइड, बद्रीनाथ हाईवे बंद
पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 48 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. दोनों मार्गो पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं. गुफा में एक बर्फ की स्टैलेग्माइट संरचना है जो चंद्रमा की कीरणों के साथ कम हो जाती है और मोम बन जाती है. भक्तों का मानना है कि बर्फ की स्टैलेग्माइट संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 2022 30 जून को शुरू हुई और 11 अगस्त को समाप्त होगी.