रेप के आरोपी फलाहारी बाबा दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना
बता दें कि 11 सितम्बर 2017 को बिलासपुर की 21 वर्षीय पीड़िता ने छत्तीसगढ़ के महिला थाना में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था.
अलवर: राजस्थान में अलवर के बहुचर्चित यौन शोषण के मामले में फलाहारी बाबा उर्फ कौशलेंद्र प्रपन्नचार्य को दोषी करार दिया गया है. बता दें कि फलाहारी बाबा को अदालत ने दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने फलाहारी बाबा पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. इस दौरान फलहारी बाबा से कोर्ट ने 88 सवाल किए थे, जवाब में उसने खुद को निर्दोष बताया। अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि बुधवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज करवाए गए 30 अभियोजन साक्ष्यों की गवाही के आधार पर आरोपित के बयान दर्ज किए.
गौरतलब है कि 9 मार्च 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे. अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने फलाहारी बाबा के द्वारा विलासपुर की युवती से रेप किए जाने के मामले में 15 दिसम्बर 2017 को 84 दिन बाद एसीजेएम कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी थी. पुलिस ने कोर्ट में 40 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी. जिसमें पुलिस ने बाबा को दोषी मानते हुए धारा 506 ओर 376 (2एफ) के तहत आरोप लगाए गए थे. यह भी पढ़े-दिल्ली में स्वयंभू बाबा आशु भाई उर्फ आसिफ खान और उसका बेटा गिरफ्तार
बता दें कि 11 सितम्बर 2017 को बिलासपुर की 21 वर्षीय पीड़िता ने छत्तीसगढ़ के महिला थाना में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआईआर (FIR) दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल और 164 के बयान दर्ज कर रिपोर्ट बनाया और अलवर पुलिस को फाइल भिजवा दी थी. जिसके बाद अलवर पुलिस ने अरावली विहार थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
इसी दौरान फलाहारी बाबा बीमारी का बहाना बना कर एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया था. जहां डॉक्टरों के द्वारा उसको फिट घोषित किये जाने के बाद पुलिस ने 23 सितम्बर को अस्पताल से गिरफ्तार कर एसीजेएम कोर्ट 3 में पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने बाबा को 16 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.