योगी सरकार को झटका: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रशासन को वसूली पोस्टर हटाने का दिया आदेश

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा था कि क्या वह सार्वजनिक स्थान और नागरिक आजादी पर अतिक्रमण नहीं कर रही है. सूबे की राजधानी में प्रशासन ने शुक्रवार को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करते हुए उनकी तस्वीरों के साथ करीब 100 होर्डिग्स लगवाए थे

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Photo Credits: IANS)

Anti CAA उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झटका दिया है. उच्च न्यायलय ने CAA की खिलाफत के दौरान हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर जो सरकार ने लखनऊ के अलग-अलग चौराहों पर लगाए थे उन्हें हटाने का आदेश दिया है. बता दें कि प्रशासन ने पिछले सप्ताह कथित प्रदर्शनकारियों के 100 पोस्टर लगाए गए थे. CJ गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने प्रशासन को आदेश दिए कि वे इस महीने की 16 तारिख तक इन पोस्टरों को हटाये.

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा था कि क्या वह सार्वजनिक स्थान और नागरिक आजादी पर अतिक्रमण नहीं कर रही है. सूबे की राजधानी में प्रशासन ने शुक्रवार को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करते हुए उनकी तस्वीरों के साथ करीब 100 होर्डिग्स लगवाए थे. इन पोस्टरों में आरोपियों के नाम, फोटो और आवासीय पते होर्डिग्स पर सूचीबद्ध किये गए हैं.

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दलील दी थी कि अदालत को इस तरह के मामले में जनहित याचिका की तरह हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अदालत को ऐसे कृत्यों का स्वतः संज्ञान नहीं लेना चाहिए जो ऐसे लोगों द्वारा किए गए हैं जिन्होंने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.

Share Now

\