कोलकाता, 27 अप्रैल: 25 अप्रैल को हुगली से गिरफ्तार संदिग्ध अलकायदा कार्यकर्ता नसीमुद्दीन शेख ने राज्य में अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए कोविड लॉकडाउन अवधि का फायदा उठाया. यह दावा पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने किया. शेख को बुधवार को निचली जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. यह भी पढ़ें: Life Imprisonment: निलंबित टीडीपी नेता को लड़की की आत्महत्या के लिए उम्रकैद
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन के दौरान उसने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से सटे कोलकाता के बांकरा इलाके में एक विशेष मदरसा में अपना ठिकाना बनाया. एसटीएफ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, इस विशेष मदरसे में रहने के दौरान उसने अल कायदा के अन्य सहयोगियों के साथ संबंध स्थापित किए थे, इनमें से कुछ को पहले ही हमारे जासूसों द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है. उसका कार्य मुख्य रूप से ब्रेनवॉशिंग के माध्यम से संगठन के स्लीपर सेल के लिए नई भर्ती करना था. हालांकि, लॉकडाउन के बाद उठा लिया गया, तो वह चुपचाप मदरसे से फरार हो गया और राज्य से बाहर चला गया.
उनके अनुसार, शेख ने यह भी स्वीकार किया है कि व्यवस्थित ब्रेनवाशिंग के माध्यम से नई भर्ती करने के अलावा, उन्हें उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मॉड्यूल स्थापित करने का काम भी सौंपा गया था. हाल ही में वह राज्य वापस आया और हुगली जिले के दादपुर में अपने एक रिश्तेदार के यहां रहने लगा. इस संबंध में अपने सूत्रों से जानकारी मिलने पर एसटीएफ के जवानों ने दो दिन पहले उसके आवास पर छापा मारा और उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया.
सूत्रों ने कहा कि पिछले साल नवंबर में एसटीएफ ने दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर से अल कायदा के एक अन्य सहयोगी मनीरुद्दीन खान को गिरफ्तार किया था. उसके पास से एक पेन-ड्राइव बरामद हुई, जिससे एसटीएफ को शेख के नाम सहित महत्वपूर्ण जानकारी मिली.