Ban on Muslim Vendors at Kumbh Mela: आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी aulana Mufti Shahabuddin Razvi) ने महाकुंभ के संबंध में अखाड़ा परिषद (Akhada Parishad) के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें महाकुंभ मेले में किसी भी मुसलमान के व्यापार करने पर रोक लगाई गई है उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि कुंभ का माहौल शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.
उन्होंने कहा, “अखाड़ा परिषद का फैसला हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों को गहरी चिंता में डालने वाला है। यह एक ऐसा कदम है, जो न केवल धार्मिक सहिष्णुता को कमजोर करता है, बल्कि समाज में विभाजन का कारण भी बन सकता है. किसी भी मुसलमान को कुंभ मेले में भाग लेने या व्यापार करने की अनुमति न देना, सामाजिक एकता के लिए एक गंभीर खतरा है. कुंभ के मेले में किसी भी मुसलमान को दुकान लगाने की इजाजत नहीं दी गई है. यह भी पढ़े: VIDEO: तिरुमला में सभी कर्मचारी हिंदू होने चाहिए, लेकिन वक्फ में चाहिए गैर-मुस्लिम, TTD चेयरमैन नायडू के फरमान पर ओवैसी भड़के
अखाड़ा परिषद के फैसले का मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी विरोध:
मै चाहता हूं कि कुंभ का मेला अमन व शांति के साथ सम्पन्न हो। मगर अफसोस कि बात यह है कि अखाड़ा परिषद ने ये घोषणा की है कि मेले में किसी भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जायेगी। अखाड़ा परिषद का यह फैसला सम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है, और समाज के दरमियान नफरत फैलाता है। pic.twitter.com/RHCP6Neiid
— Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi (@Shahabuddinbrly) November 3, 2024
उन्होंने कहा, “यह फैसला उन मूल्यों के खिलाफ है, जो हमारे देश की नींव हैं, जैसे कि धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव। जब हम एक समाज के रूप में एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहते हैं, तब इस तरह के फैसले निश्चित रूप से समाज को तोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं. यदि समाज में विभाजन पैदा हुआ, तो इसका प्रभाव देश की एकता और विकास पर भी पड़ेगा.
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश की सरकार को चाहिए कि वह अखाड़ा परिषद के इस प्रकार के निर्णयों पर नियंत्रण रखे और समाज में सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसे फैसलों को वापस ले. समाज का हर वर्ग, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से हो, एक साथ मिलकर रहने का हकदार है. अगर हम सब मिलकर काम नहीं करेंगे, तो हम अपने देश को गंभीर संकट में डाल सकते हैं.
बता दें कि महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी प्रयागराज में शुरू होगा, जो कि 26 फरवरी तक चलेगा. इसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। महाकुंभ का आयोजन 12 साल के अंतराल में किया जाता है. महाकुंभ के आयोजन को लेकर अभी से ही तैयारियों का सिलसिला शुरू हो चुका है.