1993 Serial Bomb Blast: सीरियल धमाकों का आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी, सबूतों के अभाव में टाडा कोर्ट का फैसला
Abdul Karim Tunda Acquits | X

नई दिल्ली: अजमेर की टाडा कोर्ट ने 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट (1993 Serial Bomb Blast) मामले के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इसके अलावा दो आरोपियों इरफ़ान और हमीदुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि टुंडा के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं मिला है. 30 साल पुराने इस मामले में न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता ने दो अन्य हमीदुद्दीन और इरफान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कहा, "माननीय अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत पेश करने में विफल रही."

अब्दुल करीम टुंडा के वकील ने क्या कहा

अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 1993 में कोटा, हैदराबाद, लखनऊ, कानपुर, सूरत और मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे और टुंडा इन्हीं मामलों में आरोपी था. सीबीआई ने टुंडा को इन धमाकों का मास्टर माइंड माना था और 2013 में नेपाल बॉर्डर से उसकी गिरफ्तारी हुई थी.

टुंडा पर देश के विभिन्न स्थानों पर आतंकवाद के मामले चल रहे हैं. टुंडा ने कथित रूप से युवाओं को भारत में आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए प्रशिक्षण दिया था. टुंडा फिलहाल अजमेर की जेल में बंद है.