Delhi Pollution: आज सुबह फिर धुंध की गहरी चादर में लिपटी राजधानी, AQI 504 पर; Video में देखें कितने गंभीर हैं हालात
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नई दिल्ली: वायु प्रदूषण से फिर दिल्ली-एनसीआर की सांसों को फूल रही हैं. वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में है. शनिवार को कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पांच सौ से भी अधिक दर्ज किया गया है. इस प्रदूषण से लोगों को आंखों में जलन और लोगों को सांस लेने में दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. सफर-इंडिया के अनुसार, दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह लगातार तीसरे दिन 'गंभीर' श्रेणी में बनी रही. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR)-इंडिया के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता 504 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ 'गंभीर' श्रेणी में है. Delhi Pollution: जहरीली हवा से आंखों और सीने में जलन, प्रदूषण से हो रही ये खतरनाक बीमारियां; ऐसे करें बचाव.

शहर में शनिवार को लगातार पांचवें दिन धुंध की एक घनी हानिकारक परत छायी हुई है. चिकित्सकों ने चिंता व्यक्त की है कि वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन और आंख संबंधी दिक्कतें बढ़ रही है. दिल्ली-एनसीआर में पारा गिरने, हवा के मंद पड़ने और पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के कारण पिछले सप्ताह से वायु गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हुई.

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वसंत कुंज

अटकी दिल्ली की सांसे

शनिवार सुबह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (टी3) में एक्यूआई 571 दर्ज किया गया. दिल्ली के धीरपुर में शनिवार को एक्यूआई 542 दर्ज किया गया. शहर में बढ़ते प्रदूषण ने निवासियों की चिंता बढ़ा दी है. दिल्ली निवासी कृष्ण कांत ने कहा, "3-4 दिनों से प्रदूषण बहुत ज्यादा है. दिल्ली सरकार को कुछ पहल करनी चाहिए...अब स्थिति ऐसी है कि हमें मास्क पहनना पड़ रहा है...हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही है."

इस बीच, नोएडा में भी प्रदूषण गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. यहां AQI 576 दर्ज करते हुए 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, नोएडा सेक्टर-116 में AQI 426 और नोएडा सेक्टर 62 में 428 है. एएनआई से बात करते हुए, नोएडा निवासी अभय कुमार ने कहा, "प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. ऐसा लगता है जैसे दम घुट रहा हो...हवा भारी लग रही है."

गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. यहां AQI 512 दर्ज किया गया. रेस्पिरर रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर के महीने में दिल्ली में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 का स्तर देश में सबसे अधिक था और 2021 के बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. पीएम2.5 वे सूक्ष्म कण होते हैं जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.