नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले (Ayodhya Verdict) को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) मंलगवार को एक बैठक कर उनकी तरह से फैसला लिया गया कि रिव्यू पिटीशन दायर नहीं किया जाएगा. वहीं इस फैसले पर शुरू से ही विरोध जाता रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की तरफ से रिव्यू पिटीशन दायर करने को लेकर फैसला लिया गया है. बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत अयोध्या मामले पर 9 नवंबर को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला को देने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने को आदेश दिया था.
रिव्यू पिटीशन दायर करने को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक ट्वीट किया गया है. जिसमें बोर्ड के सचिव व वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में रिव्यू पिटीशन दायर किया जाएगा. वहीं आगे उन्होंने कहा कि ''हम अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दिसंबर के पहले हफ्ते में बाबरी केस में पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रहे हैं. मामले को आगे बढ़ाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड का निर्णय कानूनी रूप से हमें प्रभावित नहीं करेगा. सभी मुस्लिम संगठन हमारे साथ हैं. यह भी पढ़े: Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया स्वागत, कहा- नहीं दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका
"Exercising our constitutional right, we are going to file a review petition in the #Babrimasjidcase during the first week of December. Sunni Waqf Board's decision not to pursue the case won't legally affect us. All Muslim organizations are on the same page" @Zafaryab_Jilani:
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) November 27, 2019
बता दें कि इस मामले में जहां मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रिव्यू पिटीशन दायर करने जा रहा है वहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रिव्यू पिटीशन नहीं दायर करने को लेकर फैसला जरूर लिया है. लेकिन सरकार की तरफ से पांच एकड़ जमीन लेनी है या नहीं इसके बारे में अब तक फैसला नहीं लिया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो बोर्ड इस बात पर विचार कर रहा है कि सरकार की तरफ से मिलने वाली जमीन पर मस्जिद न बनाकर कॉलेज या फिर अस्पताल बनाया जाए.