वोडाफोन-आइडिया (Vodafone- Idea) और एयरटेल (Airtel) ने गुरुवार को दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenues-AGR) संशोधन याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का इंतजार करने की अपील की है. पत्र में इन टेलीकॉम कंपनियों ने DoT (Department of Telecommunications) को सूचित किया है कि वे डेडलाइन यानी 23 जनवरी 2020 तक केंद्र सरकार को कई भुगतान नहीं करेंगे. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) से पत्र प्राप्त करने की पुष्टि करते हुए, इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से कहा कि हमें वोडाफोन-आइडिया से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि कंपनी अपनी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है.
वरिष्ठ अधिकारी ने आगे कहा कि यह सच है कि सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों के संशोथधन की दलीलों को सुनने के लिए सहमति जताई है और यह साफ तौर पर नहीं कहा गया है कि इन कंपनियों को एजीआर (AGR) बकाए को जमा करने की जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा कि कंपनी ने एजीआर से जुड़े बकाए के भुगतान की शर्तों में ढील दिए जाने पर दूरसंचार विभाग के साथ बातचीत करने की इजाजत मांगी है.
हालांकि 20 फीसदी या 30,000 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया चुकाने में नाकाम रहने पर दूरसंचार कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने जैसी कार्रवाई की अटकलों को उन्होंने खारिज कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि DoT 24 जनवरी तक का इंतजार करेगा, उसके बाद अगली कार्रवाई के बारे में विचार किया जाएगा. यह भी पढ़ें: जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के टैरिफ प्लान हुए महंगे, इन ग्राहकों को नहीं चुकाने होंगे अधिक पैसे
बता दें कि वोडाफोन-आइडिया को संयुक्त रूप से 53,039 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जबकि भारती एयरटेल को 35, 586 करोड़ रुपए बकाया चुकाने का आदेश दिया गया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 16,456 करोड़ का एजीआर बकाया है. टाटा टेलीसर्विसेज को 14,000 करोड़ रुपए और एमटीएनएल व बीएसएनएल को 4,635 करोड़ रुपए का भुगतान करना है. गौरतलब है कि भारत में नवंबर 2019 तक जियो के 36.99 करोड़, वोडाफोन-आइडिया के 33.63 करोड़ और भारती एयरटेल के 32.73 करोड़ उपभोक्ता थे.