सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) शनिवार 16 सितंबर को केरल में पठानमथिट्टा जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच दो महीने की मंडला पूजा के लिए खोल दिया गया है. मंदिर के चारों ओर 10,000 से अधिक पुलिस तैनात किए गए हैं. शनिवार को ही शाम 5 बजे पूजा के लिए गर्भगृह खोला गया. मंदिर खुलने के दूसरे दिन आज 17 नवंबर को भक्तों ने भगवान अयप्पा की पूजा और दर्शन दर्शन किए. सबरीमाला तीर्थ स्थान और उसके आसपास पठानमथिट्टा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार मंदिर के आस-पास कोई भी निषेधात्मक आदेश नहीं लगाया गया है.
मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों भक्तों ने शनिवार को वार्षिक मंडला-मकरविलक्कु (Annual Mandala-Makaravilakku ) पूजा के लिए खुलने पर भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा अर्चना की. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने 10 महिलाओं को पंबा बेस से वापस भेज दिया, क्योंकि वे "वर्जित" आयु वर्ग में थीं. बता दें कि 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं के लिए मंदिर का द्वार खोल दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हर उम्र और वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी. लेकिन मंदिर संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की, जिस पर फैसला पांच जजों की बेंच करेगी.
देखें ट्वीट:
Kerala: Devotees throng #SabarimalaTemple to offer prayers. The temple opened yesterday evening for the Mandala Pooja festival. pic.twitter.com/aZEoiEMn1S
— ANI (@ANI) November 17, 2019
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वुमन राइट्स एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई जिन्हें पिछले साल मंदिर में पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई थी और भक्तों के विरोध प्रदर्शन के कारण उन्हें कोच्चि हवाईअड्डे से लौटना पड़ा था. उन्होंने बयान में कहा था कि वो रविवार 17 सितंबर को मंदिर का दौरा करेंगी.