Cyber Frauds: यूपी के आगरा में बीते दिन हुए डिजिटल अरेस्ट के मामले दूरसंचार विभाग (DoT) ने बड़ी कार्रवाई की है. दूरसंचार विभाग ने शुक्रवार को बताया कि फ्रॉड कॉल में इस्तेमाल हुए व्हाट्सएप नंबर को बंद कर दिया गया है. इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (TSPs) के साथ मिलकर एक उन्नत प्रणाली विकसित की गई है. यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स को भारतीय नेटवर्क में प्रवेश करने से पहले ही पहचान कर ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन की गई है. इस प्रणाली को दो चरणों में लागू किया जा रहा है.
पहले चरण में, यह प्रणाली TSP स्तर पर काम करेगी, ताकि उनके ग्राहकों के नंबरों से स्पूफ की गई कॉल्स को रोका जा सके. दूसरे चरण में, एक केंद्रीयकृत प्रणाली विकसित की जाएगी, जो अन्य टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के ग्राहकों के नंबरों से स्पूफ कॉल्स को रोकने में सक्षम होगी.
आगरा के 'डिजिटल अरेस्ट' केस के बाद हरकत में आया दूरसंचार विभाग
With regard to the unfortunate incident of a fraud call in Agra, the WhatsApp account of the fraudulent mobile number has been disengaged. The call was made via WhatsApp.
It is our earnest request to citizens, in case a message/call is suspected fraudulent, it should be…
— DoT India (@DoT_India) October 4, 2024
DoT ने कहा कि अब तक चारों प्रमुख TSPs ने इस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप, लगभग 4.5 मिलियन (45 लाख) स्पूफ कॉल्स को भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क में प्रवेश करने से रोका गया है. दूसरे चरण की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, जिससे शेष स्पूफ कॉल्स को भी रोका जा सकेगा. DoT का कहना है कि वह समय-समय पर ऐसी घटनाओं के खिलाफ उचित कदम उठा रहा है ताकि टेलीकॉम यूजर्स को सुरक्षित रखा जा सके.
ऐसे मामलों में क्या करें?
अगर आपको किसी कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप संदेश पर संदेह होता है, तो आप उसे संचार साथी प्लेटफार्म (https://sancharsaathi.gov.in/) पर मौजूद चक्षु सुविधा पर रिपोर्ट कर सकते हैं. इसके लिए, संदिग्ध कॉल/मैसेज का विवरण, स्क्रीनशॉट, प्राप्ति का माध्यम, फ्रॉड की श्रेणी, और संदेश प्राप्त होने की तारीख व समय जैसी जानकारी देनी होगी. जानकारी सबमिट करने के बाद OTP आधारित वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जाएगी.
इस तरह की रिपोर्टिंग से DoT को टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग की पहचान करने और साइबर क्राइम तथा वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, यह नागरिकों को फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने में भी सहायक सिद्ध होगा.