अभिनेता नागार्जुन ने 'एन-कन्वेंशन सेंटर' को ध्वस्त करने पर दी प्रतिक्रिया, तोड़फोड़ की कार्रवाई को बताया गलत
दिग्गज तेलुगु स्टार नागार्जुन अक्किनेनी ने हैदराबाद के माधापुर इलाके में स्थित अपनी संपत्ति 'एन-कन्वेंशन सेंटर' के ध्वस्तीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
मुंबई, 24 अगस्त : दिग्गज तेलुगु स्टार नागार्जुन अक्किनेनी ने हैदराबाद के माधापुर इलाके में स्थित अपनी संपत्ति 'एन-कन्वेंशन सेंटर' के ध्वस्तीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. यह संपत्ति कथित तौर पर हैदराबाद में थुम्मिडीकुंटा झील के एफटीएल में अतिक्रमित भूमि पर बनी हुई थी. उनकी प्रॉपर्टी को राज्य सरकार द्वारा नवगठित संगठन, हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति निगरानी और संरक्षण (एचवाईडीआरए) ने जमींदोज कर दिया था.
अभिनेता ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक लंबा नोट लिखकर दावा किया कि अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद एन-कन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने लिखा, "एन कन्वेंशन के संबंध में अवैध तरीके से की गई तोड़फोड़ से दुखी हूं, जो मौजूदा स्थगन आदेशों और कोर्ट केस के विपरीत है. मैंने अपनी प्रतिष्ठा को डिफेंड करने के लिए कुछ तथ्यों को रिकॉर्ड पर रखने और यह बताने के लिए कि हमने कानून का उल्लंघन करने वाला कोई भी कार्य नहीं किया है, मैंने यह बयान जारी करना उचित समझा. यह भूमि पट्टा भूमि है, और टैंक की एक इंच भी जमीन पर अतिक्रमण नहीं किया गया है." यह भी पढ़ें : न्यायालय ने गौरी लंकेश हत्या मामले में आरोपी की जमानत रद्द करने संबंधी याचिका खारिज की
निजी भूमि पर निर्मित भवन के दावों के बारे में बात करते हुए, अभिनेता ने कहा कि ध्वस्तीकरण के लिए, पहले दिए गए किसी भी अवैध नोटिस के खिलाफ स्थगन आदेश दिया गया है. उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा, "आज स्पष्ट रूप से, गलत सूचना के आधार पर गलत तरीके से तोड़फोड़ की गई. आज सुबह तोड़फोड़ करने से पहले कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था. एक कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में, अगर अदालत ने मेरे खिलाफ फैसला दिया होता, तो मैं खुद ही तोड़फोड़ कर देता."
उन्होंने कहा, "मैं हमारे द्वारा गलत निर्माण या अतिक्रमण के बारे में किसी भी सार्वजनिक गलतफहमी को दूर करने के उद्देश्य से इसे रिकॉर्ड पर रख रहा हूं. हम अधिकारियों द्वारा की गई गलत कार्रवाइयों के संबंध में न्यायालय से उचित राहत की मांग करेंगे."
मालूम हो कि एचवाईडीआरए को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 12 जुलाई, 2024 को पेश किया था. यह संगठन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बनाया गया है. इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन करना, सरकारी संपत्तियों की रक्षा करना, तालाबों और झीलों पर अतिक्रमण को रोकना और अवैध निर्माण और संरचनाओं से छुटकारा पाना है.